आंखरी मुलाकात
लोग कहते है कि आँखरी मुलाकात कौन भूलता है .... हमे तो याद भी नहीं आंखारी मुलाकात कौन सी थीं या हम किसे आंखरि केहदे
वो जो तुमने तय कीथी या वो जो अब तक हुई ही नहीं
वो जब हम फुट फुट के रोए थे अपनी सारी यादों को आंसुओ से भिगोएं थे
या वो जब लड़े थे जिभरके दोनों की गलत कौन है फिर सही बात होजाएगी ये सोचके निकल लिए थे
गलत होगा अगर मै कहूं कि हालात ने हमे छोड़ा जबकी रिश्तों की हालत हमने बिघाहड़ी थीं
पर ये दिल अभ्भी कहता है कि मुलाकात आख़री तब होती हैं जब आगे हम मिले ही ना या कभी हो ही ना ..... पर जब छोडूंगा मै या तुम चली जाओगी हमेशा की तरह फिरसे छोड़के तबभी एक गुफतगु तो होगी ही................
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here