दिखाऊ तुम्हे दवे हुए जख्म देख पाओगे क्या,,,
चलूँगा साथ तुम्हारे इश्क़ के मुकाम तक चल पाओगे क्या।
ये वादे ये रस्मे कसमें तो जमाने बाले करते है।
में सिर्फ इश्क़ करुगा कर पाओगे क्या।
लोग करते है इश्क़ में चांद तारे तोड़ने की बातें।
में जोड़ने में विश्वाश करता हूं।
तो सीढ़ी सीढ़ी जोड़कर इश्क़ के मुकाम तक चल पाओगे क्या?
©ishq_2_(Rrohit)
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