अश्वनी कुमार चौहान

अश्वनी कुमार चौहान

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#कविता #OpenPoetry  #OpenPoetry गंद संगत रंग में तुम पूर्णतः रच जाओगे
आचरण का आवरण होगा तो तुम बच जाओगे

©अश्वनी कुमार चौहान

#OpenPoetry गंद संगत रंग में तुम पूर्णतः रच जाओगे आचरण का आवरण होगा तो तुम बच जाओगे ©अश्वनी कुमार चौहान

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आज तक टंकार लंका में उपस्थित है उनके धनु की जिनको हम प्रभु राम कहते हैं दानवों का जो दलन करते हैं बाणों से बनके दीवाली हमारे संग रहते हैं जय जय श्री राम जय जय सिया राम ©अश्वनी कुमार चौहान

#कविता #Diwali  आज तक टंकार लंका में उपस्थित है
उनके धनु की जिनको हम प्रभु राम कहते हैं
दानवों का जो दलन करते हैं बाणों से
बनके दीवाली हमारे संग रहते हैं

जय जय श्री राम
जय जय सिया राम

©अश्वनी कुमार चौहान

#Diwali

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रावण को अभिमान बड़ा था छल पर, दल पर, बल पर लेकिन वो भूला था, राम भी रहते थे भूतल पर एक सन्यासी ने जब की अपने धनु की टंकार अहंकार टूटा रावण का मच गई हाहाकार धर्म के सूरज से अधर्म का अंधियारा ढलता है राम पराक्रम करते हैं जिसमें रावण जलता है ©अश्वनी कुमार चौहान

#कविता #Dussehra  रावण को अभिमान बड़ा था
छल पर, दल पर, बल पर
लेकिन वो भूला था, राम भी
रहते थे भूतल पर

एक सन्यासी ने जब की
अपने धनु की टंकार
अहंकार टूटा रावण का
मच गई हाहाकार

धर्म के सूरज से 
अधर्म का अंधियारा ढलता है
राम पराक्रम करते हैं
जिसमें रावण जलता है

©अश्वनी कुमार चौहान

#Dussehra

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जब मात की हो बात नित तब नौ नही हर दिन हो हित आडंबरों से मुक्त मां, हो जाये सबका शांत चित ©अश्वनी कुमार चौहान

#कविता #Navraatra  जब मात की हो बात नित
तब नौ नही हर दिन हो हित
आडंबरों से मुक्त
मां, हो जाये सबका शांत चित

©अश्वनी कुमार चौहान

#Navraatra

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जीवन सरल नही होता जल सा तरल नही होता यह कठोर पाषाण है नित नूतन निर्माण है ©अश्वनी कुमार चौहान

#कविता #waterfall  जीवन सरल नही होता
जल सा तरल नही होता

यह कठोर पाषाण है
नित नूतन निर्माण है

©अश्वनी कुमार चौहान

#waterfall&Stars

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कुछ सितारे चांद से ज्यादा चमकते हैं इसलिए, वो सबकी आंखों में खटकते हैं ©अश्वनी कुमार चौहान

#शायरी #fullmoon  कुछ सितारे चांद से ज्यादा चमकते हैं
इसलिए, वो सबकी आंखों में खटकते हैं

©अश्वनी कुमार चौहान

#fullmoon

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