हर साल करते हो दहन मेरा, मानते तुम भी हो कि मैं अमर हूं,
मेरी लाख बुराई गीनवाते हो, मेरी बस एक अच्छाई में खरे उतरो तो मानू कि तुम कितने अटल हो।
मै वो नहीं जिसे ये अग्नि जला दे , मैं वो नहीं जिसे ये दुनिया झुका दे,
मै कलयुगी दरिंदों जैसा नहीं जो औरत कि कीमत लगा दे।
मेरी बुराई तो पुरुषोत्तम भी ना कर पाए, तुममें अगर राम है तो बुराई के खिलाफ खड़े होकर दिखाओ।
अगर युही राम का चोला पहन कर रहना है तो ठीक, पर ऐ कलयुगी रामो
कभी दसानंन जैसा नहीं बन पाओगे।
©_thegirlwithemotions_
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