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Shravni Bhardwaj
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White हर रिश्ते को बेटियां निभा लेती हैं एहसासों में बंधती अपने एहसासों को छुपा लेती है बचपन की शरारते उसकी कंखिया से ही तराश लेते है थोड़े शब्दों में ही शायद हम उसे बहुत कुछ सीखा देते है।।। वो जानती है ओर हर बात को समझ लेती है किरदार वो अपना ऐसा निभाती है की एहसासों में बंधती हर एक अहसास को छुपा लेती है।।। इन आखों के अश्रु वो संभाल लेती है खुद कभी घबराती हैं तो खुदा से इनायत मांग लेती है वो घर की चौखट की आबरू रखती हैं बाटियां हर परिवेश को संभाल लेती हैं।। सहजता से हर विकल्प स्वीकार कर लेती हैं ओर हर विकल्प में अपना संकल्प साध लेती हैं मझधार की हर मुश्किलों को अपने एहसासों मैं बांध लेती है खुद कभी घबराती है तो खुदा से इनायत मांग लेती है ।।।।। ©Shravni Bhardwaj
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