Insta_id-mr._contractor whatsapp-7898482094 जख्म गहरे हैं भयंकर, दूर तक फैला अंधेरा, लग गयी किसकी नजर,मर गया मेरा सवेरा। क्या जरूरी है हर दफा,बादल बुझाये प्यास धरती की; क्यों कवि हर बार अपने गीत में दर्द लिखता है नया, प्रश्न अभी वही है,कौन इस दरिया से पार जाए। देखो कही ये मदमस्त सावन पास आके लौट ना जाए, आंखे में आँसू समेटे मौन पतझड़ रो रहा है। बसन्त को ह्रदय में भरकर आज अपना श्रृंगार कर रहा, अपने उत्थान के खातिर देखो आज व्याकुल पतझड़; एक पत्थर से भी प्रार्थना कर रहा.... पता-कुड़ारी,चोपन, सोनभद्र(उ. प्र.) पिन कोड-231205 पेशा-सिविल इंजीनियर और कवितायें लिखना....
https://www.facebook.com/100045979215761/posts/108123220730318/?app=fbl
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here