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Poetic ✍
शायद हम भी किताब होते तो वो जरूर हमें पढते... कहाणी खतम होते ही सिनेसे हमें जरूर लगाते! - अनुराग ©Anurag Sonawane
Anurag Sonawane
9 Love
"जिस्म बदन के जल रहै तुम्हारे कि छू रहा हु तुझे और पिघल रहा हुं मैं" - Anurag.
5 Love
"मेरी नजरोंसे नजरे मिलाकर देख , देख तेरे कलका आईना हूं मैं"! - Anurag
हर एक कोशिश कामयाब नही होती साहब... जित की मेहणत हमेशा आखरी ही पता चलती है! - Anurag.
रोकडे परिवाराकडून तुम्हाला व तुमच्या परिवाराला दीपावलीच्या हार्दिक शुभेच्छा!
4 Love
"मेरे आंखो की नमी को दुनिया तरसे गालिब नजरअंदाज झुंकता नही सरआंखोसे " - अनुराग
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