ना शक ना डर ना बंदगी सच में सबसे परे हो तुम
R.N मोहब्बत में बहुत खरे हो तुम .........
अपना बनाकर किसी से बिछड़ने की आदत ना होती
सच में तुम्हारी जैसी किसी की मोहब्बत ना होती
खैर जो किस्मत में नहीं उसका गिला भी क्या करे
और हम ठहरे गुनहगार लोग सफाई अदा भी क्या करें
✍️R.N
ना शक ना डर ना बंदगी सच में सबसे परे हो तुम
R.N मोहब्बत में बहुत खरे हो तुम .........
अपना बनाकर किसी से बिछड़ने की आदत ना होती
सच में तुम्हारी जैसी किसी की मोहब्बत ना होती
खैर जो किस्मत में नहीं उसका गिला भी क्या करे
और हम ठहरे गुनहगार लोग सफाई अदा भी क्या करें
✍️R.N
16 Love
बेफिक्रा ,बेखौफ, बेढंग, बेमिजाज सा हूं
तुम्हारी सोच से परे,शक्स मैं अलग अंदाज का हूं
✍️ Raghav
क्यों बेरुखी में जाने जा जिंदगी बिता रही हो
क्यों हमारे खातिर खुद को मिटा रही हो
गुनाह- ए-हकदार तो हम थे तेरी मोहब्बत में R.N
फिर सजा ए मोहब्बत तुम क्यों काट रही हो
✍️R.N
क्यों बेरुखी में जाने जा जिंदगी बिता रही हो
क्यों हमारे खातिर खुद को मिटा रही हो
गुनाह- ए-हकदार तो हम थे तेरी मोहब्बत में R.N
फिर सजा ए मोहब्बत तुम क्यों काट रही हो
✍️R.N
8 Love
परछाइयां नजर आती है उस शख्स की दीवारों में।
वो दूर होकर भी मेरे आस-पास लगता है।
गुजरे जमाने कभी लौट कर नहीं आते।
दिल इस बात को क्यों नहीं समझता है
✍️R.N
मुझे एक फैसला दोबारा करना चाहिए।
मुझे तेरे शहर से किनारा करना चाहिए
तेरी खैरात की मोहब्बत से मेरी तन्हाईया अच्छी
मुझे ये अहसान ज्यादा नहीं चाहिए।
✍️R.N
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