और कितनी दुरिया माऊली सहू मै
तेरी ऐसी नाराजगीसे नाराज हू मै ll
तू है कणकण मे, हर मन मे तूही
तेरा जयघोष मुख मे, सुनले अनकही
हरी नाम सुबह शाम, विठ्ठला हमराही
रुहदारियोसे चलता रहु, राह दुरिया जितनी भी
मेरी हर सiस, जिंदगी ए एहसास, मोहताज हू मै
तेरी ऐसी नाराजगीसे नाराज हू मै ll
मिलने की आस लिए, संग चले संग रुके, की तेरी वारी
तुझ तक आते आते मन मंदिर हुवा, ये देह बना सवारी
तेरा अधिवास मन मे, मर्माभास अर्पण मे, जीवन है पंढरी
एक बारी दर्शन को तरसु, समा लू दिल मैं जिंदगी पुरी
हर सफ़र का अंजाम तुम हो, आगाज भी तुमसे चाहु मै
तेरी ऐसी नाराजगीसे नाराज हू मै ll
Hopeful for next year's वारी 🙏🕉️🤞
#rayofhope #वारी #journeyoflife
©rayansh
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