Mahaveer Kumar

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#संगीत  💖

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ख़मोशी को उसकी, मैं इश्क़ मान चुका हूँ, मैं सही हूँ या ग़लत, इस ज़वाब को रुका हूँ।

#शायरी  ख़मोशी को उसकी, मैं इश्क़ मान चुका हूँ, 
मैं सही हूँ या ग़लत, इस ज़वाब को रुका हूँ।

ख़मोशी को उसकी, मैं इश्क़ मान चुका हूँ, मैं सही हूँ या ग़लत, इस ज़वाब को रुका हूँ।

12 Love

कभी एकतरफा इश्क़ हुआ है, अगर हुआ है तो ये बहुत दर्दनाक है। तब और भी ज्यादा हो जाता है.. जब आपने उसे इज़हार किया हो, और बदले में उसने ना किया हो। दर्द तो तब होता है हमें, जब वो हर रोज़ आस-पास से गुज़र जायें.. पर आप चाहकर भी उससे बात न कर पायें। चोट तो दिलपर तब लगती है हमारी, जब उसे पता होता है हालत ये हमारी। हमने तो बहुत चाहा है उसे, और वो कहते हैं तुमने इश्क़ किया क्या पूछकर उसे। ये तो इश्क़ है ज़नाब, ये किसी से पूछकर नहीं होता, काश ऐसा होता तो कोई एकतरफा आशिक ही न होता। कमाल के होते हैं आशिक़ एकतरफा, ये तो उसकी नफ़रत से भी मुहब्बत कर बैठते हैं। बस उसने इस बेपनाह इश्क़ को पनाह न दिया, क्योंकि हमने उससे, बेइंतहां इश्क़ का गुनाह जो किया। IKTARFAA👈👈👈

#कविता #_IKTARFAA❤❤  कभी एकतरफा इश्क़ हुआ है, 
अगर हुआ है तो ये बहुत दर्दनाक है। 
तब और भी ज्यादा हो जाता है.. 
जब आपने उसे इज़हार किया हो, 
और बदले में उसने ना किया हो। 

दर्द तो तब होता है हमें, 
जब वो हर रोज़ आस-पास से गुज़र जायें.. 
पर आप चाहकर भी उससे बात न कर पायें। 
चोट तो दिलपर तब लगती है हमारी, 
जब उसे पता होता है हालत ये हमारी। 

हमने तो बहुत चाहा है उसे, 
और वो कहते हैं तुमने इश्क़ किया क्या पूछकर उसे। 
ये तो इश्क़ है ज़नाब, ये किसी से पूछकर नहीं होता, 
काश ऐसा होता तो कोई एकतरफा आशिक ही न होता। 

कमाल के होते हैं आशिक़ एकतरफा, 
ये तो उसकी नफ़रत से भी मुहब्बत कर बैठते हैं। 
बस उसने इस बेपनाह इश्क़ को पनाह न दिया, 
क्योंकि हमने उससे, बेइंतहां इश्क़ का गुनाह जो किया। 

                                                                             IKTARFAA👈👈👈

इश्क़ अगर उसे भी हमसे होगा, तो अहसास ही नहीं, अब इज़हार भी होगा। mahaveer kumar

#_अहसास❤❤ #शायरी  इश्क़ अगर उसे भी हमसे होगा, 
तो अहसास ही नहीं, अब इज़हार भी होगा। 


                       mahaveer kumar

लफ़्जों को पता नहीं होता कहना क्या है, और आँखें वो सब बयाँ कर देती हैं। ज़रुरत यहाँ शब्दों की नहीं, अहसास की है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। हल्की सी मुस्कान उसकी, मुझे पागल कर देती है, बिना जख़्म दिए, इस दिल को घायल कर देती है। ख़ूबी ही कुछ ऐसी है उसकी, बिना बोले सब कह देती है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। बातें हम उतना नहीं करते, जितना महसूस कर लेते हैं, इश्क़-ए-अहसास को हम जी भर जी लेते हैं। ये बात हमारी नहीं, हमारे अहसास की है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। Mahaveer kumar

#कविता  लफ़्जों को पता नहीं होता कहना क्या है,
 और आँखें वो सब बयाँ कर देती हैं। 
ज़रुरत यहाँ शब्दों की नहीं, अहसास की है, 
दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। 

हल्की सी मुस्कान उसकी, मुझे पागल कर देती है, 
बिना जख़्म दिए, इस दिल को घायल कर देती है। 
ख़ूबी ही कुछ ऐसी है उसकी, बिना बोले सब कह देती है, 
दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। 

बातें हम उतना नहीं करते, जितना महसूस कर लेते हैं, 
इश्क़-ए-अहसास को हम जी भर जी लेते हैं। 
ये बात हमारी नहीं, हमारे अहसास की है, 
दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है।
            
                                              Mahaveer kumar

लफ़्जों को पता नहीं होता कहना क्या है, और आँखें वो सब बयाँ कर देती हैं। ज़रुरत यहाँ शब्दों की नहीं, अहसास की है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। हल्की सी मुस्कान उसकी, मुझे पागल कर देती है, बिना जख़्म दिए, इस दिल को घायल कर देती है। ख़ूबी ही कुछ ऐसी है उसकी, बिना बोले सब कह देती है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। बातें हम उतना नहीं करते, जितना महसूस कर लेते हैं, इश्क़-ए-अहसास को हम जी भर जी लेते हैं। ये बात हमारी नहीं, हमारे अहसास की है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। Mahaveer kumar

7 Love

लफ़्जों को पता नहीं होता कहना क्या है, और आँखें वो सब बयाँ कर देती हैं। ज़रुरत यहाँ शब्दों की नहीं, अहसास की है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। हल्की सी मुस्कान उसकी, मुझे पागल कर देती है, बिना जख़्म दिए, इस दिल को घायल कर देती है। ख़ूबी ही कुछ ऐसी है उसकी, बिना बोले सब कह देती है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। बातें हम उतना नहीं करते, जितना महसूस कर लेते हैं, इश्क़-ए-अहसास को हम जी भर जी लेते हैं। ये बात हमारी नहीं, हमारे अहसास की है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। Mahaveer kumar

#कविता  लफ़्जों को पता नहीं होता कहना क्या है,
 और आँखें वो सब बयाँ कर देती हैं। 
ज़रुरत यहाँ शब्दों की नहीं, अहसास की है, 
दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। 

हल्की सी मुस्कान उसकी, मुझे पागल कर देती है, 
बिना जख़्म दिए, इस दिल को घायल कर देती है। 
ख़ूबी ही कुछ ऐसी है उसकी, बिना बोले सब कह देती है, 
दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। 

बातें हम उतना नहीं करते, जितना महसूस कर लेते हैं, 
इश्क़-ए-अहसास को हम जी भर जी लेते हैं। 
ये बात हमारी नहीं, हमारे अहसास की है, 
दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है।
            
                                              Mahaveer kumar

लफ़्जों को पता नहीं होता कहना क्या है, और आँखें वो सब बयाँ कर देती हैं। ज़रुरत यहाँ शब्दों की नहीं, अहसास की है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। हल्की सी मुस्कान उसकी, मुझे पागल कर देती है, बिना जख़्म दिए, इस दिल को घायल कर देती है। ख़ूबी ही कुछ ऐसी है उसकी, बिना बोले सब कह देती है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। बातें हम उतना नहीं करते, जितना महसूस कर लेते हैं, इश्क़-ए-अहसास को हम जी भर जी लेते हैं। ये बात हमारी नहीं, हमारे अहसास की है, दास्ताँ ही कुछ ऐसी हमारे प्यार की है। Mahaveer kumar

10 Love

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