Shreya Shukla

Shreya Shukla

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#GandhiJayanti2020  मैंने तो समता सौंपी थी,

तुमने फर्क व्यवस्था कर दी,

मैंने न्याय व्यवस्था सौंपी थी,

तुमने व्यवस्था नर्क करी,

मंजिलें सारी थैली कर डाली,

गंगा भी मैली कर डाली,

शांति व्यवस्था तो हास्य हुई,

झूठी बातें ही भाष्य हुई,

अहिंसा क्यों आज वनवासी है,

कायरता के घर पर दासी,

न्याय व्यवस्था आज रोती है,

गूंडों के घर में होती है,

आज राजा प्यादों से डरता हैं,

सहमा सहमा सा चलता है,

मुझको भी मिलती गाली है,

डाकू को मिलती ताली है,

चलन भयंकर आपराधिक हुआ है,

मेरा भी अपहरण हुआ है,

मैंने भी गोली खाई है,

मैंने भी आघात सहा है,

जागो मेरे प्यारे बच्चों,

जागो देश के नौजवानों,

जटायु सा मैं घायल हूं,

अपनी नसें टटोल रहा हूं,

मैं तुम्हारा वही गांधी हूं,

लाल किले से बोल रहा हूं।

©Shreya Shukla
 तुम रख सको संजो कर तो एक निशानी हूं मैं,
और खो दो तो बेशक इक छोटी सी कहानी हूं मैं ,
तुम रोक न पाओ मुझको कभी ,
वह दरिया का इक बूंद पानी हूं मैं,

सब में प्यार बिखेरने की आदत हैं हमें,
हर वक्त अलग-अलग पहचान की आदत हैं हमें,
ज़ख्म चाहे जितना भी गहरा हो,
हंस कर गले लगाने की आदत है हमें,

इस अजनबी सी दुनिया में टूटा हुआ छोटा सा कोई सितारा हूं मैं,
उलझे हुए सारे सवालों का सुलझा हुआ इक इशारा हूं मैं,
जो समझ न सके मुझे उनके लिए कुछ न सही,
जो समझे उनके लिए खुली किताब हूं मैं,

आंखों से तो खुश दिखते ,
दिल से पुछने पर अंशुओं का सैलाब हूं मैं,
तुम रख सको संजो कर तो एक निशानी हूं मैं,
और खो दो तो बेशक इक छोटी सी कहानी हूं मैं ।

©Shreya Shukla

तुम रख सको संजो कर तो एक निशानी हूं मैं, और खो दो तो बेशक इक छोटी सी कहानी हूं मैं , तुम रोक न पाओ मुझको कभी , वह दरिया का इक बूंद पानी हूं मैं, सब में प्यार बिखेरने की आदत हैं हमें, हर वक्त अलग-अलग पहचान की आदत हैं हमें, ज़ख्म चाहे जितना भी गहरा हो, हंस कर गले लगाने की आदत है हमें, इस अजनबी सी दुनिया में टूटा हुआ छोटा सा कोई सितारा हूं मैं, उलझे हुए सारे सवालों का सुलझा हुआ इक इशारा हूं मैं, जो समझ न सके मुझे उनके लिए कुछ न सही, जो समझे उनके लिए खुली किताब हूं मैं, आंखों से तो खुश दिखते , दिल से पुछने पर अंशुओं का सैलाब हूं मैं, तुम रख सको संजो कर तो एक निशानी हूं मैं, और खो दो तो बेशक इक छोटी सी कहानी हूं मैं । ©Shreya Shukla

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तुम जब तक सुनतीं जाओगी, मैं तब तक बंसी सुनाऊं राधे, सभी को मेंने आशीष दिया, यूं किस पर चक्र उठाऊं राधे, बंसी छोड़ी, छोड़ी मैंने द्वारिका भी, इंद्रप्रस्थ कब तक ठुकराऊं राधे, पिछले जन्म तुम थी जानकी, कहो कैसे इक क्षण भी बिताऊं राधे, रह कर तुमसे इतने दूर, अब कैसे न अश्रु बहाऊं राधे, तुम जब तक सुनतीं जाओगी, मैं तब तक बंसी सुनाऊं राधे। ©Shreya Shukla

 तुम जब तक सुनतीं जाओगी,
मैं तब तक बंसी सुनाऊं राधे,
सभी को मेंने आशीष दिया,
यूं किस पर चक्र उठाऊं राधे,
बंसी छोड़ी, छोड़ी मैंने द्वारिका भी,
इंद्रप्रस्थ कब तक ठुकराऊं राधे,
पिछले जन्म तुम थी जानकी,
कहो कैसे इक क्षण भी बिताऊं राधे,
रह कर तुमसे इतने दूर,
अब कैसे न अश्रु बहाऊं राधे,
तुम जब तक सुनतीं जाओगी,
मैं तब तक बंसी सुनाऊं राधे।

©Shreya Shukla

तुम जब तक सुनतीं जाओगी, मैं तब तक बंसी सुनाऊं राधे, सभी को मेंने आशीष दिया, यूं किस पर चक्र उठाऊं राधे, बंसी छोड़ी, छोड़ी मैंने द्वारिका भी, इंद्रप्रस्थ कब तक ठुकराऊं राधे, पिछले जन्म तुम थी जानकी, कहो कैसे इक क्षण भी बिताऊं राधे, रह कर तुमसे इतने दूर, अब कैसे न अश्रु बहाऊं राधे, तुम जब तक सुनतीं जाओगी, मैं तब तक बंसी सुनाऊं राधे। ©Shreya Shukla

18 Love

मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी.... चाय पर आज तुम घर चले आना, गुलाब लेकर हाथों में, मुस्कुराती हुई दरवाजे पर, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी, तुम जो देर से आओ, गुस्सा नहीं करूंगी, मुस्कुराती हुई दरवाजे पर, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी, लाल सूट जो पसंद है तुम्हें, पहनकर खड़ी रहूंगी, मुस्कुराती हुई दरवाजे पर, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी, तुम्हारी तस्वीर देख देख कर, चुपचाप खड़ी रहूंगी, मुस्कुराती हुई दरवाजे पर, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी। ©Shreya Shukla

 मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी....

चाय पर आज तुम घर चले आना,
गुलाब लेकर हाथों में,
मुस्कुराती हुई दरवाजे पर,
मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी,

तुम जो देर से आओ,
गुस्सा नहीं करूंगी,
मुस्कुराती हुई दरवाजे पर,
मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी,

लाल सूट जो पसंद है तुम्हें,
पहनकर खड़ी रहूंगी,
मुस्कुराती हुई दरवाजे पर,
मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी,

तुम्हारी तस्वीर देख देख कर,
चुपचाप खड़ी रहूंगी,
मुस्कुराती हुई दरवाजे पर,
मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी।

©Shreya Shukla

मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी.... चाय पर आज तुम घर चले आना, गुलाब लेकर हाथों में, मुस्कुराती हुई दरवाजे पर, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी, तुम जो देर से आओ, गुस्सा नहीं करूंगी, मुस्कुराती हुई दरवाजे पर, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी, लाल सूट जो पसंद है तुम्हें, पहनकर खड़ी रहूंगी, मुस्कुराती हुई दरवाजे पर, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी, तुम्हारी तस्वीर देख देख कर, चुपचाप खड़ी रहूंगी, मुस्कुराती हुई दरवाजे पर, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी। ©Shreya Shukla

12 Love

सब कुछ छोड़ आए हैं.... कहानी के कुछ राज हमने अब तक सबसे छिपाए हैं, शहर की सुविधाओं के लिए, गांव की धूल छोड़ आए हैं, नया इक संसार सोच कर, पुराने घर की वह दहलीज छोड़ आए हैं, सोचते हैं अक्सर धूप को देखकर, पीपल की वहां छांव छोड़ आए हैं, इतनी जल्दी में थे कि, इक गुलाब के लिए, पूरा का पूरा बगान छोड़ आए हैं, जहां निःसंकोच पंडित जी चढ़ाते थे, हमारे नाम के फूल, अनजाने में हम वह शिवालय छोड़ आए हैं। ©Shreya Shukla

 सब कुछ छोड़ आए हैं....

कहानी के कुछ राज हमने 
अब तक सबसे छिपाए हैं,
शहर की सुविधाओं के लिए,
गांव की धूल छोड़ आए हैं,
नया इक संसार सोच कर,
पुराने घर की वह दहलीज छोड़ आए हैं,
सोचते हैं अक्सर धूप को देखकर,
पीपल की वहां छांव छोड़ आए हैं,
इतनी जल्दी में थे कि,
इक गुलाब के लिए,
पूरा का पूरा बगान छोड़ आए हैं,
जहां निःसंकोच पंडित जी चढ़ाते थे,
हमारे नाम के फूल,
अनजाने में हम वह शिवालय छोड़ आए हैं।

©Shreya Shukla

सब कुछ छोड़ आए हैं.... कहानी के कुछ राज हमने अब तक सबसे छिपाए हैं, शहर की सुविधाओं के लिए, गांव की धूल छोड़ आए हैं, नया इक संसार सोच कर, पुराने घर की वह दहलीज छोड़ आए हैं, सोचते हैं अक्सर धूप को देखकर, पीपल की वहां छांव छोड़ आए हैं, इतनी जल्दी में थे कि, इक गुलाब के लिए, पूरा का पूरा बगान छोड़ आए हैं, जहां निःसंकोच पंडित जी चढ़ाते थे, हमारे नाम के फूल, अनजाने में हम वह शिवालय छोड़ आए हैं। ©Shreya Shukla

15 Love

तुम्हारा चेहरा कभी सुबह का इक सितारा सा लगता है, भोर का यह तारा मुझको बड़ा प्यारा लगता है, मुलाकात जो हो जाए तुमसे, तो इमली भी मीठी लगती है, और बिछड़ते वक्त शहद भी, अति कड़वा लगता है, सारी रैना तुम जागे साथ हमारे, है ना ? चलो जल्दी बताओ चंदा तुम हमारे कौन हो हां, इतनी भी किसमे शराफत होती है, कोई बंदा कभी इतना प्यारा न होता है, यूं तो तितली फूलों को घेरे रहती है, फिर भी क्यों चमन में फूल, अब भी कंवारा लगता है, जो दिखते हैं तुम्हें वह हम ही कहां यारों, हम तो वक्त के राहों में भटके रहते हैं। ©Shreya Shukla

#Hum  तुम्हारा चेहरा कभी सुबह का
 इक सितारा सा लगता है,
भोर का यह तारा मुझको बड़ा प्यारा लगता है,
मुलाकात जो हो जाए तुमसे,
तो इमली भी मीठी लगती है,
और बिछड़ते वक्त शहद भी, 
अति कड़वा लगता है,
सारी रैना तुम जागे साथ हमारे, है ना ?
चलो जल्दी बताओ चंदा तुम हमारे कौन हो हां,
इतनी भी किसमे शराफत होती है,
कोई बंदा कभी इतना प्यारा न होता है,
यूं तो तितली फूलों को घेरे रहती है,
फिर भी क्यों चमन में फूल,
अब भी कंवारा लगता है,
जो दिखते हैं तुम्हें वह हम ही कहां यारों,
हम तो वक्त के राहों में भटके रहते हैं।

©Shreya Shukla

#Hum

13 Love

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