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पुष्प कर्म थे मेरे जो मुझ को यह सम्मान मिला जन्म हुआ हिंदू धर्म में रहने को हिंदुस्तान मिला
Alone वो तोड़ गए दिल अब बवाल क्या करें... मेरी ही पसंद थी अब खुद से सवाल क्या करें..!! _______________ ©ALFAAZ KA SAFAR
ALFAAZ KA SAFAR
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तेरी आंखों से एक चीज लाजवाब पीता हूं, मैं गरीब जरूर हूं मगर सबसे महंगी शराब पीता हूं !! _________________ ©ALFAAZ KA SAFAR
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द्वंद कहां तक पाला जाए युद्ध कहां तक टाला जाए, तू भी है राणा का वंशज, फेंक जहां तक भाला जाए। __________________ ©ALFAAZ KA SAFAR
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#FourLinePoetry किताबों से नहीं मैंने रास्तों की ठोकरो से सीखा है.. और मुश्किलों में भी हंसना मैंने अपने पापा से सीखा है..! ©ALFAAZ KA SAFAR
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