अंधेरी रातों का जुगनू हूं मैं, रात के अंधेरे को गुरूर है खुद पर, पर हमारे उजाले के सामने वह फीका है हम खुद की रोशनी पर नाज करते हैं कभी किसी से उधार लेना नहीं सीखा है.
1 Love
5 Love
38 Love
28 Love
30 Love
15 Love
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here