भूल कर खुद को ना जाने हम किस राह में चलते रहे
मेरी सुन्ने वाला कोई नही और हम दुनिया की सुनते रहे
मस्त-मगन हर वक़्त खुश रहा गम-ए-पहार तले भी मैं
मुझसे जलने वाले मुझे यूँही देख जलते रहे
अबकी बार होगी किसकी सरकार?
कौन लायेगा हमारे लिए रोजगार?
क्या फिर 5 साल बढेगा बेरोजगार?
या छुटकारा मिल जायेगा इसबार?
क्या देश से खत्म हो पायेगा भ्रस्टाचार?
क्या देश में होगा और सुधार?
क्या खत्म हो जायेगा महिलाओं से छेड़-छाड़?
कबतक बीमारू कैहलायेगा बिहार?
अबकी बार होगी किसकी सरकार?
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