#WorldTheatreDay साहब मत उढाया करो मजाक गरीबी का
इंसानियत के नाम पर दो रोटी देकर उनकी इज्जत उतार देते हो
11 Love
अपने तो लौट आए शहर से गांव की तरफ
पर तन्हाइयों का मलाल गहरा कर दिया
खुशियां बटोरने गए थे लोग शहर
अब गांव लौटे तो कहर का माहौल कर दिया
और जो पहले मिलते थे तो गले लगा लेते थे
आज उनने मुझसे मिलना ही छोड़ दिया
लगता है खौफ है मौत का
एहसासों के लम्हों में जुड़ी एक कहानी प्रेम
आकर्षण के अस्तित्व में छुपी एक कहानी प्रेम एक निशानी जो अनछुई सी है प्रेम
जिसे कभी देखा नहीं जा सकता
बस महसूस किया जा सकता है वो है प्रेम
आखिर प्रेम आकर्षण का माध्यम है या शाशवता का
कोई मुझे बताएगा क्या है यह प्रेम
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