Upendra Bajpai

Upendra Bajpai Lives in Lucknow, Uttar Pradesh, India

जाने वालों से क्या गिला करना// Whatsapp no.-9452533303

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सूखे हुए गुलाब लिए जाग रहा हूँ यादों की एक किताब लिए जाग रहा हूँ वो सो रही होगी सुकूँ से नींद में मेरी मैं उसका कोई ख़्वाब लिए जाग रहा हूँ। ©Upendra Bajpai

#AkelaMann  सूखे हुए गुलाब लिए जाग रहा हूँ
यादों की एक किताब लिए जाग रहा हूँ

वो सो रही होगी सुकूँ से नींद में मेरी
मैं उसका कोई ख़्वाब लिए जाग रहा हूँ।

©Upendra Bajpai

उसका कोई ख़्वाब##goodnight #AkelaMann

7 Love

वेदना का वेग बढ़ता जा रहा था ज़ब्त की जंजीर ढीली हो रही थी आपसे संवाद करते जा रहे थे और नयन की कोर गीली हो रही थी 1)ऐशगाहों से प्रणय के मोल धोखे खा रहे थे स्वप्न तुमको महल वाले दूर लेकर जा रहें थे तुमको जीवन का प्रबंधन खूब सिखलाया गया था और हमको प्रेम में बस त्याग बतलाया गया था प्रीत को अवहेलना के स्वर मिलें तो त्याग की वंशी सुरीली हो रही थी। और नयन की कोर गीली....... ©Upendra Bajpai

#AloneInCity #geet  वेदना का वेग बढ़ता जा रहा था
ज़ब्त की जंजीर ढीली हो रही थी
आपसे संवाद करते जा रहे थे
और नयन की कोर गीली हो रही थी

1)ऐशगाहों से प्रणय के
                      मोल धोखे खा रहे थे
स्वप्न तुमको महल वाले
                          दूर लेकर जा रहें थे
तुमको जीवन का प्रबंधन
                      खूब सिखलाया गया था
और हमको प्रेम में बस 
                  त्याग बतलाया गया था
प्रीत को अवहेलना के स्वर  मिलें तो
त्याग की वंशी सुरीली हो रही थी।
   और नयन की कोर गीली.......

©Upendra Bajpai

वेदना का वेग बढ़ता जा रहा था ज़ब्त की जंजीर ढीली हो रही थी आपसे संवाद करते जा रहे थे और नयन की कोर गीली हो रही थी 1)ऐशगाहों से प्रणय के मोल धोखे खा रहे थे स्वप्न तुमको महल वाले दूर लेकर जा रहें थे तुमको जीवन का प्रबंधन खूब सिखलाया गया था और हमको प्रेम में बस त्याग बतलाया गया था प्रीत को अवहेलना के स्वर मिलें तो त्याग की वंशी सुरीली हो रही थी। और नयन की कोर गीली....... ©Upendra Bajpai

#AloneInCity #geet  वेदना का वेग बढ़ता जा रहा था
ज़ब्त की जंजीर ढीली हो रही थी
आपसे संवाद करते जा रहे थे
और नयन की कोर गीली हो रही थी

1)ऐशगाहों से प्रणय के
                      मोल धोखे खा रहे थे
स्वप्न तुमको महल वाले
                          दूर लेकर जा रहें थे
तुमको जीवन का प्रबंधन
                      खूब सिखलाया गया था
और हमको प्रेम में बस 
                  त्याग बतलाया गया था
प्रीत को अवहेलना के स्वर  मिलें तो
त्याग की वंशी सुरीली हो रही थी।
   और नयन की कोर गीली.......

©Upendra Bajpai

जिसकी आंखें सितारे जैसी हैं उसकी आँखों से चाँद देखा है। ©Upendra Bajpai

#Karwachauth  जिसकी आंखें सितारे जैसी हैं
उसकी आँखों से चाँद देखा है।

©Upendra Bajpai

चाँद देखा है #Karwachauth

10 Love

#kisliye_juda_thi #violin
#apne_zakhmo_ko_dukhatae_huye_mr_jayenge #Sad_shayri #SADFLUTE
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