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न समझदार हूं और न ही बनना चाहता हूं टेंशन से लबालब जिंदगी छोड़ ऐ मेरे मालिक में तो बचपन में ही जीना चाहता हूं। ©Monu Saini
Monu Saini
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White सबसे बड़ा तो वक्त है जनाब.... और हम उलझे हुए है यू ही रिश्तों की जोर आजमाइश में । ©Monu Saini
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White लिख दिया करता हु अक्सर अपने दर्द को खुशियों की कलम से जानने को की... मुझे समझता कोन है?? सभी ने पढ़ा तो केवल हॉट हिले, मोन रहकर भी जिसकी आंखे बोल गई। जरा बताओ यार.. वो अजनबी सा अपना कोन है ?? ©Monu Saini
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