Mahima Yadav..

Mahima Yadav.. Lives in Raipur, Chhattisgarh, India

#SeHer मोहब्बत पे लिखती हूँ, पर मोहब्बत से डरती हूँ...

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जो ठुकरा दूँ तुम्हे, तो टूटना नही हर बात पर मेरे आगे, झुकना नही सुनो.. तुम गुलाम नही हो, जो जी-हुजूरी करो गर जाना हो तो चले जाना, रुकना नही ©Mahima Yadav..

 जो ठुकरा दूँ तुम्हे, तो टूटना नही
हर बात पर मेरे आगे, झुकना नही
सुनो..
तुम गुलाम नही हो, जो जी-हुजूरी करो
गर जाना हो तो चले जाना, रुकना नही

©Mahima Yadav..

जो ठुकरा दूँ तुम्हे, तो टूटना नही हर बात पर मेरे आगे, झुकना नही सुनो.. तुम गुलाम नही हो, जो जी-हुजूरी करो गर जाना हो तो चले जाना, रुकना नही ©Mahima Yadav..

20 Love

इरादा पक्का था, फना भी हो जाते राह तकती रह गई, मगर परवाना नही आया टकरा तो गए बदहवासी में उनसे, बचने का मगर कोई बहाना नही आया गुरुर से कह दिए तुम जाओ यहाँ से, ठुकरा तो दिए, मगर भुलाना नही आया जन्नत से गुजरे, जहन्नुम भी घूमे तलाश सुकूँ की थी, मगर उनका ठिकाना नही आया ©Mahima Yadav..

 इरादा पक्का था, फना भी हो जाते
राह तकती रह गई, मगर परवाना नही आया

टकरा तो गए बदहवासी में उनसे, 
बचने का मगर कोई बहाना नही आया

गुरुर से कह दिए तुम जाओ यहाँ से,
 ठुकरा तो दिए, मगर भुलाना नही आया

जन्नत से गुजरे, जहन्नुम भी घूमे
तलाश सुकूँ की थी, मगर उनका
 ठिकाना नही आया

©Mahima Yadav..

part-3

24 Love

ये कैसी इबारत है, इसे किसने बनाया है सीख तो लिए, मगर सिखाना नही आया नाराजगी उनकी, हाल-ए-दिल हमारा सुन तो लिए, मगर सुनाना नही आया खुदी में उलझे रहे, खुद ही को गले लगा के गर्दिश में डूबे, जब तक किनारा नही आया इबारत- बोली खुदी- घमंड गर्दिश- आवारापन ©Mahima Yadav..

 ये कैसी इबारत है, इसे किसने बनाया है
सीख तो लिए, मगर सिखाना नही आया

नाराजगी उनकी, हाल-ए-दिल हमारा
सुन तो लिए, मगर सुनाना नही आया

खुदी में उलझे रहे, खुद ही को गले लगा के
गर्दिश में डूबे, जब तक किनारा नही आया

इबारत- बोली
 खुदी- घमंड
गर्दिश- आवारापन

©Mahima Yadav..

part-2

19 Love

नासमझ थे वो, या हमे समझाना नही आया आकिल पर पड़ा कील, निकालना नही आया मोहब्बत की आतिश ने जोर पकड़ी हम तो जले ही, तुम्हें बचाना नही आया हम इस कौम के तुम उस कौम के जज्बात था सयाना, फ़र्क बताना नही आया बेइंतहा किया, बेशर्त किया, बेहिसाब किया कर तो बैठे, मगर जताना नही आया.... आकिल- दिमाग आतिश- आग ©Mahima Yadav..

 नासमझ थे वो, या हमे समझाना नही आया
आकिल पर पड़ा कील, निकालना नही आया

मोहब्बत की आतिश ने जोर पकड़ी
हम तो जले ही, तुम्हें बचाना नही आया

हम इस कौम के तुम उस कौम के
जज्बात था सयाना, फ़र्क बताना नही आया

बेइंतहा किया, बेशर्त किया, बेहिसाब किया 
कर तो बैठे, मगर जताना नही आया....

आकिल- दिमाग
आतिश- आग

©Mahima Yadav..

part-1

19 Love

जितना पाओगे उससे ज्यादा गवा बैठोगे सुनो... ये जो इश्क़ है ना, तुम दूर ही रहना किसे पता.. आबाद होंगे या खुद को तबाह कर बैठोगे... ©Mahima Yadav..

#Quotes  जितना पाओगे उससे ज्यादा गवा बैठोगे
सुनो...
ये जो इश्क़ है ना, तुम दूर ही रहना
किसे पता.. 
आबाद होंगे या खुद को तबाह कर बैठोगे...

©Mahima Yadav..

जितना पाओगे उससे ज्यादा गवा बैठोगे सुनो... ये जो इश्क़ है ना, तुम दूर ही रहना किसे पता.. आबाद होंगे या खुद को तबाह कर बैठोगे... ©Mahima Yadav..

19 Love

गुलाम नही हूँ, जो मालिकाना हक जताओ कद्र कर सकते हो तो करो वरना... भाड़ में जाओ ©Mahima Yadav..

#PoetInYou #Quotes  गुलाम नही हूँ,
जो मालिकाना हक जताओ
कद्र कर सकते हो तो करो
 वरना...
भाड़ में जाओ

©Mahima Yadav..

#PoetInYou

22 Love

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