जैसे चींटियाँ लौटती हैं
बिलों में
कठफोड़वा लौटता है
काठ के पास
वायुयान लौटते हैं एक के बाद एक
लाल आसमान में डैने पसारे हुए
हवाई-अड्डे की ओर
ओ मेरी भाषा
मैं लौटता हूँ तुम में
जब चुप रहते-रहते
अकड़ जाती है मेरी जीभ
दुखने लगती है
मेरी आत्मा
- केदारनाथ सिंह
Happy New Year नववर्ष एवं नवदशक का पदार्पण...
2020=अनुपम अवसर+
अथक प्रयास+
अनंत ऊर्जा संचार+
अटल संकल्प+
आशान्वित मनःस्थिति+
अद्वितीय आशीर्वाद
सभी स्नेही जनों को कोटिशः
शुभकामनाएं🙏🏻
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अद्वितीय आशीर्वाद
सभी स्नेही जनों को कोटिशः
शुभकामनाएं🙏🏻
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