Deepak Kaushik

Deepak Kaushik Lives in Noida, Uttar Pradesh, India

पेशे से पत्रकार 😊 दिल से कलमकार !

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हर रिश्ते का एक अलिखित संविधान होना चाहिए... जिसमें हर समस्या का हल लिखा हो... बस...मौन माफ़ी और मुस्कान! ©Deepak Kaushik

#Life_experience  हर रिश्ते का एक अलिखित संविधान होना चाहिए...
जिसमें हर समस्या का हल लिखा हो...
बस...मौन
माफ़ी
और
मुस्कान!

©Deepak Kaushik

रिश्तों का संविधान!

9 Love

मुझे लगता है ईश्वर ने हमको चुना और holiday trip पर भेज दिया.. हमने इसे business trip समझा... और तब से इस दुनिया में चल रहा है... हिसाब-किताब प्रतिस्पर्धा प्रदर्शन परंपरा और अंत में प्रायश्चित! Deep ©Deepak Kaushik

#Life_experience #Morningvibes  मुझे लगता है ईश्वर ने हमको चुना और holiday trip पर भेज दिया..
हमने इसे business trip समझा...
और तब से इस दुनिया में चल रहा है...
हिसाब-किताब
प्रतिस्पर्धा
प्रदर्शन
परंपरा
और अंत में
प्रायश्चित!
Deep

©Deepak Kaushik

यूं तो अब उसके लबों पर मेरी सब ग़ज़लें... पर बेहतर ये होता कि उसके लबों पे मेरे लब होते... 'Deep' ©Deepak Kaushik

#shadesoflife  यूं तो अब उसके लबों पर मेरी सब ग़ज़लें...
पर बेहतर ये होता कि उसके लबों पे मेरे लब होते...

'Deep'

©Deepak Kaushik

I can still feel your presence. feel of your touch still embrace me. you have not left me alone, you have left so many symbols of love on my soul I can still feel them. and i can feel you. ©Deepak Kaushik

#poem  I can still feel your presence.
feel of your touch still embrace me.
you have not left me alone,
you have left so many
symbols of love on my soul 
I can still feel them.
and i can feel you.

©Deepak Kaushik

feel

9 Love

बहुत अभागे होते हैं वो लड़के जिन्हें हो जाता है प्रेम ऐसी लड़कियों से... जो डरती हैं पिता की इज़्ज़त से मां के आंसुओं से भाई के अहंकार से ऐसी लड़कियां अपने हिस्से का दरिया उतार जाती हैं उन आंखों में... जिनमें कभी वो ख़ुद डूबे रहने की हसरत रखती थी Deep

 बहुत अभागे होते हैं वो लड़के
जिन्हें हो जाता है प्रेम ऐसी लड़कियों से...
जो डरती हैं पिता की इज़्ज़त से
मां के आंसुओं से
भाई के अहंकार से
ऐसी लड़कियां अपने हिस्से का दरिया उतार जाती हैं उन आंखों में...
जिनमें कभी वो ख़ुद डूबे रहने की हसरत रखती थी

Deep

बहुत अभागे होते हैं वो लड़के जिन्हें हो जाता है प्रेम ऐसी लड़कियों से... जो डरती हैं पिता की इज़्ज़त से मां के आंसुओं से भाई के अहंकार से ऐसी लड़कियां अपने हिस्से का दरिया उतार जाती हैं उन आंखों में... जिनमें कभी वो ख़ुद डूबे रहने की हसरत रखती थी Deep

9 Love

God मैंने प्रेम इसलिए चुना! क्योंकि मैं नफ़रत की क़ीमत जानता था... मैंने प्रेम इसलिए लिखा...क्योंकि मैं स्याई और लहू का अंतर पहचानता था... मैंने प्रेम की इसलिए पूजा की! क्योंकि मुझे धार्मिक अंधता में गुम हो जाने का डर था... मैंने प्रेम को जीवन का आधार बना लिया... क्योंकि मुझे आधारहीन विचारों पर विचलित नहीं होना था... मैंने प्रेम को नहीं छोड़ा...क्योंकि प्रेम का त्याग सिर्फ़ कुछ त्याग देना नहीं है.. बल्कि बहुत कुछ नया पनप जाने की सम्भावना का पैदा हो जाना है... जैसे.. असत्य, आवेग, अंधकार नाकामी, नफ़रत, नुकसान जलन,जहर जिहालत गुस्सा, गम, गुनाह और अंत तक चलने वाली एक जंग... लेकिन मैंने प्रेम को चुना... और ख़त्म कर दी वो सब संभावनाएं जो किसी और को ख़त्म करने का ख़्याल तक पाले! Deep

 God मैंने प्रेम इसलिए चुना! क्योंकि मैं नफ़रत की क़ीमत जानता था...
मैंने प्रेम इसलिए लिखा...क्योंकि मैं स्याई और लहू का अंतर पहचानता था...
मैंने प्रेम की इसलिए पूजा की! क्योंकि मुझे धार्मिक अंधता में  गुम हो जाने का डर था...
मैंने प्रेम को जीवन का आधार बना लिया...
   क्योंकि मुझे आधारहीन विचारों पर विचलित नहीं होना था...
    मैंने प्रेम को नहीं छोड़ा...क्योंकि प्रेम का त्याग
     सिर्फ़ कुछ त्याग देना नहीं है..  बल्कि बहुत कुछ नया
         पनप जाने की सम्भावना का  पैदा हो जाना है...
जैसे..
असत्य, आवेग, अंधकार
नाकामी, नफ़रत, नुकसान
जलन,जहर जिहालत
गुस्सा, गम, गुनाह
और अंत तक चलने वाली एक जंग...
लेकिन मैंने प्रेम को चुना...
और ख़त्म कर दी वो सब संभावनाएं
जो किसी और को ख़त्म करने का
ख़्याल तक पाले!

Deep

God मैंने प्रेम इसलिए चुना! क्योंकि मैं नफ़रत की क़ीमत जानता था... मैंने प्रेम इसलिए लिखा...क्योंकि मैं स्याई और लहू का अंतर पहचानता था... मैंने प्रेम की इसलिए पूजा की! क्योंकि मुझे धार्मिक अंधता में गुम हो जाने का डर था... मैंने प्रेम को जीवन का आधार बना लिया... क्योंकि मुझे आधारहीन विचारों पर विचलित नहीं होना था... मैंने प्रेम को नहीं छोड़ा...क्योंकि प्रेम का त्याग सिर्फ़ कुछ त्याग देना नहीं है.. बल्कि बहुत कुछ नया पनप जाने की सम्भावना का पैदा हो जाना है... जैसे.. असत्य, आवेग, अंधकार नाकामी, नफ़रत, नुकसान जलन,जहर जिहालत गुस्सा, गम, गुनाह और अंत तक चलने वाली एक जंग... लेकिन मैंने प्रेम को चुना... और ख़त्म कर दी वो सब संभावनाएं जो किसी और को ख़त्म करने का ख़्याल तक पाले! Deep

9 Love

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