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दवा जब असर ना करे, तो नज़रें 👀उतारती है माँ …… ज़नाब, ये हार कहाँ मानती है
Bhim P. Parashar
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क्या कहा मेरी, तरह जीने की हसरत है तुम्हें हाल देखोगे मेरा, तो खुदकुशी कर लोगे ©Bhim P. Parashar
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वक़्त आने पर करा दूंगा हदों का एहसास, कुछ तालाब खुद को समंदर समझ बैठे हैं..!! ©Bhim P. Parashar
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मुसाफिर कल भी था मुसाफिर आज भी हूं, कल अपनों की तलाश में था आज अपनी तलाश में हूं !! ©Bhim P. Parashar
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बुरे हैं हम तभी तो जी रहे हैं, अच्छे होते तो दुनिया जीने नहीं देती। ©Bhim P. Parashar
बहुत शख्स मिले जो समझाते थे मुझे, काश! कोई मुझे समझने वाला भी मिलता। ©Bhim P. Parashar
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