White " कभी मिलने आ, कभी यूं ही दिख मुझे हैरान कर दे
मैं बहुत खुश हूं याद आ-आ के परेशान कर दे
सूअ ए सूकून, सूअ-ए-राहत, सूअ-ए-जिंदगी
कोई तुझसे इश्क़ की सज़ा में हमें ज़िंदा न कर दे
साँसें, धड़कनें अब ज़रा संभलने लगी हैं
तु लौट आ, आ फिर से मुझे वीरान कर दे
बे आसरों की तरह पाला है मैंने सदा इन्हें
मेरे ग़मों को अब तो कोई साहिब-ए-मकान कर दे
मेरी उदासी देख मुझे शहर ना दे
ऐ खुदा तू अब मेरे हवाले कब्रिस्तान कर दे।।"
©adure alfaz
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