samir anand

samir anand

poetry comes from inside . and connects with space.

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video
#कविता #PoetryTutorial

#PoetryTutorial ROSE TIME

144 View

Person's Hands Sun Love देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है , मेरी आदतों का मुझसे हिसाब लिया है , समस्या का इसने मुझे जवाब दिया है , हाथों में इसने नया किताब दिया है , सीने में नशा मुक्त शराब दिया है , देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है , गलत करो , गलत भरो , इतिहास के इस सत्य का पुनः अध्ययन करवा दिया है , राजनीति विज्ञान के नीति का स्मरण करवा दिया है , देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है , समय के पहले , समय के बाद , समय के साथ , ये सबके हाथ , चारों ओर बस समय ही है , समय , आखिर थकान कह देती है , नहीं है समय , देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है , ©samir anand

#कविता #sunlove  Person's Hands Sun Love देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है ,

मेरी आदतों का मुझसे हिसाब लिया है ,
समस्या का इसने मुझे जवाब दिया है ,
हाथों में इसने नया किताब दिया है ,
सीने में नशा मुक्त शराब दिया है ,

देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है ,

गलत करो ,
गलत भरो ,
इतिहास के इस सत्य का पुनः अध्ययन करवा दिया है ,
राजनीति विज्ञान के नीति का स्मरण करवा दिया है ,

देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है ,

समय के पहले , समय के बाद ,
समय के साथ , ये सबके हाथ ,
चारों ओर बस समय ही है , समय ,
आखिर थकान कह देती है , नहीं है समय ,

देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है ,

©samir anand

#sunlove happy valentine's day

17 Love

#कविता #HappyRoseDay  देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है ,

मेरी आदतों का मुझसे हिसाब लिया है ,
समस्या का इसने मुझे जवाब दिया है ,
हाथों में इसने नया किताब दिया है ,
सीने में नशा मुक्त शराब दिया है ,

देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है ,

गलत करो ,
गलत भरो ,
इतिहास के इस सत्य का पुनः अध्ययन करवा दिया है ,
राजनीति विज्ञान के नीति का स्मरण करवा दिया है ,

देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है ,

समय के पहले , समय के बाद ,
समय के साथ , ये सबके हाथ ,
चारों ओर बस समय ही है , समय ,
आखिर थकान कह देती है , नहीं है समय ,

देखो ना समय ने मुझे गुलाब दिया है ,

©samir anand

#HappyRoseDay samay

180 View

दुर्योधन का मित्र कृष्ण होता भीम को विष नहीं दिया होता लाक्षागृह में अग्नि नहीं दिया होता द्रोपदी का चीरहरण नहीं किया होता शांति प्रस्ताव भंग नहीं किया होता दुर्योधन का मित्र कृष्ण होता कर्ण ने प्रदेश अंग नहीं लिया होता पांचाली ने तीखा व्यंग नहीं किया होता कंस ने सारा षड्यंत्र नहीं किया होता युधिष्ठिर ने पासा पर्यंत नहीं लिया होता दुर्योधन का मित्र कृष्ण होता शायद महाभारत आरंभ नहीं हुआ होता दुर्योधन को दंभ नहीं हुआ होता अर्जुन को गीता ज्ञान नहीं हुआ होता क्योंकि कृष्ण ने ज्ञान नहीं दिया होता दुर्योधन का मित्र कृष्ण होता ©samir anand

#कविता #lightning  दुर्योधन का मित्र कृष्ण होता

भीम को विष नहीं दिया होता
लाक्षागृह में अग्नि नहीं दिया होता
द्रोपदी का चीरहरण नहीं किया होता
शांति प्रस्ताव भंग नहीं किया होता

दुर्योधन का मित्र कृष्ण होता


कर्ण ने प्रदेश अंग नहीं लिया होता
पांचाली ने तीखा व्यंग नहीं किया होता
कंस ने सारा षड्यंत्र नहीं किया होता
युधिष्ठिर ने पासा पर्यंत नहीं लिया होता

दुर्योधन का मित्र कृष्ण होता

शायद महाभारत आरंभ नहीं हुआ होता
दुर्योधन को दंभ नहीं हुआ होता
अर्जुन को गीता ज्ञान नहीं हुआ होता
क्योंकि कृष्ण ने ज्ञान नहीं दिया होता


दुर्योधन का मित्र कृष्ण होता

©samir anand

#lightning कृष्ण होता...!!!

9 Love

#कविता #jaishreekrishna

#jaishreekrishna duryodhan

36 View

कृष्ण तो सब सोचते हैं , मैं दुर्योधन को फिर से जीयूंगा क्रोध को कलेजे में अबकी नहीं लूंगा व्यंग को दिल पर अबकी नहीं लूंगा पांचाली से प्रतिशोध अबकी नहीं लूंगा कंस की कुटिलता अबकी नहीं लूंगा कृष्ण तो सब सोचते हैं , मैं दुर्योधन को फिर से जीयूंगा कृष्ण को सखा , कर्ण को सखा समझूंगा युधिष्ठिर को सगा, अर्जुन को सगा समझूंगा द्रोपदी को उपहार में ,मैं चादर दूंगा सभा में श्रेष्ठ जो , सदा आदर दूंगा कृष्ण तो सब सोचते हैं , मैं दुर्योधन को फिर से जीयूंगा फिर से जियूंगा मैं दुर्योधन , शालीनता से सजा हुआ दुर्योधन , वचन से बंधा हुआ दुर्योधन , नहीं पहले जैसा असत्य दुर्योधन , कृष्ण तो सब सोचते हैं , मैं दुर्योधन को फिर से जीयूंगा ©samir anand

#कविता #Path  कृष्ण तो सब सोचते हैं , मैं दुर्योधन को फिर से जीयूंगा 

क्रोध को कलेजे में अबकी नहीं लूंगा
व्यंग को दिल पर अबकी नहीं लूंगा
पांचाली से प्रतिशोध अबकी नहीं लूंगा 
कंस की कुटिलता अबकी नहीं लूंगा 

कृष्ण तो सब सोचते हैं , मैं दुर्योधन को फिर से जीयूंगा 

कृष्ण को सखा , कर्ण को सखा समझूंगा
युधिष्ठिर को सगा, अर्जुन को सगा समझूंगा
द्रोपदी को उपहार में ,मैं चादर दूंगा 
सभा में श्रेष्ठ जो , सदा आदर दूंगा 

कृष्ण तो सब सोचते हैं , मैं दुर्योधन को फिर से जीयूंगा 

फिर से जियूंगा मैं दुर्योधन , 
शालीनता से सजा हुआ दुर्योधन ,
वचन से बंधा हुआ दुर्योधन ,
नहीं पहले जैसा असत्य दुर्योधन ,

कृष्ण तो सब सोचते हैं , मैं दुर्योधन को फिर से जीयूंगा

©samir anand

#Path दुर्योधन

14 Love

Trending Topic