मैं बाढ़ हूँ, मुझे पढ़े लिखे लोग Flood बुलाते हैं,
मैं Europe, America हर जगह गया
लेकिन जितनी मोहब्बत मुझे भारत में मिली
वोह कहीं और नहीं मिली,
मैं हर साल यहाँ आता हूँ लोग मुझे
इतना मानते हैं के घर,ज़मीन,जायदाद
सब मुझे दे कर कहीं और चले जाते हैं.
अब जब इतनी मोहब्बत जहाँ मिले वहाँ
कोई क्यों ना आए.मैं भारत के नेताओं से
बहुत नाराज़ हूँ ना जाने क्यों वेह लोग मेरी
आओ भगत नहीं करते,मैं ज़िद्दी भी हूँ
ऐक दिन उनका भी मेहमान बनूंगा .
Daniश Azaम
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