देश के ढे़र सारे शहरो के बीच से एक नया शहर तैयार हो रहा है ,
जहां लोग अपने व्यापार कि रफ्तार बच्चे आने वाले
कॉलेज और स्कूलो का इंतजाम,कोचिंग,
नई नई इमारते बनने कि खुशी मे मजदूर
और अच्छी फसल के लिए मिलने वाले यंत्रो
और उच्च गुणवत्ता के बीच उपलव्धता के सपने।
इसका जन्म अभी हुआ ही है..
करीब दो साल का बच्चा ही तो है
पहले कसबा हुआ करता था।
शहरो की भीड़ और उनके असामाजिक तत्वो का
एक तिनका भी हमारे शहर मे प्रवेश नही कर पाया,
शुरू से ही यहां सब धर्म जात के साथ उत्सव मनाते आए है।
डर,भय का माहौल कहीं भी रहे पर
यहा चैन और शुकुन है..
और इसकी तुलना नही कर सकता कोई।
खुशकिस्मत हूं कि ये मेरी जन्म भूमि और कर्म भूमि है।
काम करने का सौभाग्य मिला है और करता रहूंगा।
सलाम है इस जमींन को।
उत्साह से कहें
"आप निवाडी मे है"
©Hridesh Kumar Sutrakar
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