Sanjeev Thakur

Sanjeev Thakur

यूँ तो खुली किताब हुँ मैं,मगर हर कोई मुझे पढ़ले इतना काबिल भी कोई नहीं ! यूँ तो बहुत सरल भाषा हुँ मैं,मगर हर कोई अर्थ समझले इतना ज्ञानी भी कोई नहीं! यूँ तो साधारण सा लड़का हूँ मैं , मगर हर कोई मोल समझे इतना अपना भी कोई नहीं! यूँ तो एक रहस्य हुँ मैं, मगर हर कोई सुलझाले इतना दिलदार भी कोई नहीं..!

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White सच्चे इंसान और अच्छी किताबें, जल्दी समझ में नहीं आती। वक्त लगाना पड़ता है। बहुत दूर तक जाना पड़ता है। यह जानने के लिए , कौन आपका लिए अच्छा सोचता है या कौन आपके लिए बुरा सोचता है। और कहते हैं, सारथी बोलने से नहीं बनता है सारथी कर्मों के भोग करने से बनता है। वक्त उस समय का इंतजार करता है जब उसे सही समय मिलता है तब वह सही चीजों का वह मोलभाव बताता है चाहे वह इंसान हो, चाहे वो कोई वास्तु हो चाहे कुछ भी हो ! इसलिए कहा जाता है कि वक्त और समय दोनों एक दूसरे के सारथी होते हैं वक्त समय के साथ चलता है, लेकिन समय वक्त के साथ कभी नहीं चलता है। ©Sanjeev Thakur

#Ratan_Tata #Quotes  White सच्चे इंसान और अच्छी किताबें, जल्दी समझ में नहीं आती।
  वक्त लगाना पड़ता है। बहुत दूर तक जाना पड़ता है। 
 यह जानने के लिए , कौन आपका लिए अच्छा सोचता है या कौन आपके लिए बुरा सोचता है।  
और कहते हैं, 
सारथी बोलने से नहीं बनता है सारथी कर्मों के भोग करने से बनता है। 
वक्त उस समय का इंतजार करता है जब उसे सही समय  मिलता है 
तब वह सही चीजों का वह  मोलभाव बताता है 
चाहे वह इंसान हो, चाहे वो कोई वास्तु हो चाहे कुछ भी हो !
 इसलिए कहा जाता है कि वक्त और समय दोनों एक दूसरे के सारथी होते हैं वक्त समय के साथ चलता है, लेकिन समय वक्त के साथ कभी नहीं चलता है।

©Sanjeev Thakur

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17 Love

भगवद गीता (अध्याय 3, श्लोक 19) "या वस्तु प्रियास्ति च या यत् प्राप्यं मनसि धृते। निष्ठया साध्यते तस्य मार्गेऽपि विघ्नेषु धैर्यवान्।। प्रथमं सत्येन योद्धव्यम्, न सिध्यति चेत् पुनः। सर्वैः उपायैः साध्यं तत्, यत्नं कर्तव्यम् अन्तकात्।।" अर्थ: जिस वस्तु को तुम प्रिय मानते हो और जिसे प्राप्त करना चाहते हो, उसे सच्ची निष्ठा से पाने की कोशिश करो। मार्ग में यदि कोई विघ्न आए तो पहले सत्य और सरलता से उसे प्राप्त करो। यदि फिर भी सफलता न मिले, तो सभी उपायों से उसे प्राप्त करो। लेकिन प्रयास अंतिम सांस तक नहीं छोड़ना चाहिए। नमः भोलेकृष्ण ©Sanjeev Thakur

#Quotes #Shiva #pyaar  भगवद गीता 
(अध्याय 3, श्लोक 19)

 "या वस्तु प्रियास्ति च या यत् प्राप्यं मनसि धृते।
निष्ठया साध्यते तस्य मार्गेऽपि विघ्नेषु धैर्यवान्।।
प्रथमं सत्येन योद्धव्यम्, न सिध्यति चेत् पुनः।
सर्वैः उपायैः साध्यं तत्, यत्नं कर्तव्यम् अन्तकात्।।" 

अर्थ:
जिस वस्तु को तुम प्रिय मानते हो और जिसे प्राप्त करना चाहते हो, उसे सच्ची निष्ठा से पाने की कोशिश करो। मार्ग में यदि कोई विघ्न आए तो पहले सत्य और सरलता से उसे प्राप्त करो। यदि फिर भी सफलता न मिले, तो सभी उपायों से उसे प्राप्त करो। लेकिन प्रयास अंतिम सांस तक नहीं छोड़ना चाहिए।

नमः भोलेकृष्ण

©Sanjeev Thakur

#Shiva #Love #pyaar

15 Love

#Life_experience #milan_night #Darbhanga #ghaziabad #India  White रख सको तो एक निशानी हूं मैं ,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूं मैं ,
रोक न पाये जिसको यह सारी दुनिया ,
वो एक बूंद आंख का पानी हूं मैं !

सबको प्यार देने की आदत है हमें,
 अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमें ,
कितना भी गहरा जख्म दे दे कोई हमें ,
उतना ही ज्यादा मुस्कुराने की आदत है हमें,
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूं मैं ,
सवालों की खफा छोटा सा जवाब हूं मैं !

कितनी भी नफरत कर ले जमाना हमसे
 किसी न किसी का सर का ताज हूं मैं!
किसी से विश्वास घात करना मेरी फितरत में नहीं, 
ऐसा सीधा-साधा इंसान हूं मैं !

©Sanjeev Thakur
#FriendshipDay #love_shayari #Friendship #Darbhanga #Delhi  White टूट कर बिखरने ना दूंगा,
गलत राह पर चलने ना दूंगा ,
चाहे समंदर का झुका कितना भी झांझोर दे तुझे,
अपनी पलकों से उतार ना दूंगा !

-संजीव ठाकुर

©Sanjeev Thakur
#good_evening_images #Reality #Heart #Long #Dard  White बातें यूं कल की न थी!

एहसासों के परिंदे की भांति गुनगुनाता रहा,
पल-पल की बातों को रूह को बताता रहा,
बातें यूं कल की न थी,
 वक्त के साथ,
सबको  झूठी निंदा का रूप दिखाता रहा !

जो कल मेरे हुनर की ऐतबार किया करते थे,
आज वही मेरी बुराई के तालीम किया करते हैं।
बातें यूं कल की न थी, 
वक्त के साथ, 
सबको निष्ठावान रूप सुनता रहा !

#Reality of truth personality

©Sanjeev Thakur
#emotional_sad_shayari #Broken💔Heart #Dil__ki__Aawaz #Darbhanga #wishes  White कुछ सवाल हैं मेरे !

कुछ सवाल हैं मेरे,
 जवाब दे पाओगी क्या ?

सब कहते हैं मेरे साथ कोई नहीं रह पायेगी,
 तुम रह पाओगी क्या ?

थोड़ा सा बिगड़ा हुआ हूं मैं, 
तुम मुझे सुधार पाओगी क्या ?

जिम्मेदरिया बहुत है मेरे सर पर ,
उनको तुम बाट पाओगी क्या ?

मैं लड़ता रहता हूँ हमेशा, 
तुम मेरी हर लड़ाई में लड़ पाओगी क्या ?

  कभी-कभी गुस्सा बहुत आता है मुझे, 
तुम मुझे शांत कर पाओगी क्या ?

थोड़ा खामोश रहता हूं मैं, 
मेरी खामोशी में मेरी आवाज बन पाओगी क्या ?

 Feelings जताने में थोड़ा कच्चा हूं मैं, 
बिना बताए Feel कर पाओगी क्या ?

फैसले लेने नहीं आते मुझे, 
कभी गलत हो जाऊं तो सही कर पाओगी क्या ?

सुनो एक सवाल है मेरा जवाब दे पाओगी क्या
इस खडूस के साथ पूरी जिंदगी बिता पाओगी क्या ?

©Sanjeev Thakur
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