Bazirao Ashish

Bazirao Ashish

हिन्दी, पंजाबी, संस्कृत व अंग्रेजी भाषाओं का साक्षर हूँ। चीते की चाल, बाज की नज़र और बाजीराव की कलम पर कभी शक नहीं करते.

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

White इस बेईमान जगत में लोग सबसे ज्यादा ईमानदारों पर संशय करते हैं। •आशीष•द्विवेदी• ©Bazirao Ashish

#Thinking #Quotes  White इस बेईमान जगत में लोग सबसे ज्यादा ईमानदारों पर संशय करते हैं।


•आशीष•द्विवेदी•

©Bazirao Ashish

#Thinking

11 Love

एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। •आशीष द्विवेदी ©Bazirao Ashish

 एक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।

•आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish

एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न।

15 Love

एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। •आशीष द्विवेदी ©Bazirao Ashish

#एक  एक बार प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा;
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार  प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।

•आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish

#एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न।

13 Love

आसान नहीं है दरखत होना परिंदे छोड़ जाते हैं घोंसले अपने उड़ा ले जाते हैं बच्चों को अपने साथ रह जाता है दरखत अकेला आसान नहीं है दरखत होना। -आशीष द्विवेदी ©Bazirao Ashish

#Sad_Status  आसान नहीं है दरखत होना
परिंदे छोड़ जाते हैं घोंसले अपने
उड़ा ले जाते हैं बच्चों को अपने साथ
रह जाता है दरखत अकेला
आसान नहीं है दरखत होना।

-आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish

#Sad_Status आसान नहीं है दरखत होना परिंदे छोड़ जाते हैं घोंसले अपने उड़ा ले जाते हैं बच्चों को अपने रह जाता है दरखत अकेला आसान नहीं है दरखत होना। -आशीष द्विवेदी

16 Love

White ऐ मातृ भू! तुझपर हो जाऊँ न्यौछावर। जब जब हदें पार करे दुश्मन कायर।। ●आशीष●द्विवेदी● ©Bazirao Ashish

#मोटिवेशनल #happy_independence_day  White ऐ मातृ भू! तुझपर
हो जाऊँ न्यौछावर।
जब जब हदें पार करे 
दुश्मन कायर।।

●आशीष●द्विवेदी●

©Bazirao Ashish
#विचार  White वही लोग बेरोजगार हैं
 जिनके माता-पिता  व अभिभावक धैर्य एवं साहस रखते हैं 
सरकारी व्यवस्था में प्रवेश करने की प्रतीक्षा करने का।
वरना अब तक वे किसी न किसी रोजगार में अवश्य होते ।


✍🏼✍️✍🏼

...
@आशीष_द्विवेदी

©Bazirao Ashish

वही लोग बेरोजगार हैं जिनके अभिभावक धैर्य व साहस रखते हैं सरकारी व्यवस्था में प्रवेश करने की प्रतीक्षा करने का। वरना अब तक वे किसी न किसी रोजगार में अवश्य होते। ... @आशीष_द्विवेदी

99 View

Trending Topic