White सफर की दास्तान लिखूं, या दिल के जज़्बात कहूं,
हर कदम पर नया नज़ारा, हर मोड़ पर नया ग़म सहूं।
रास्ते में बिखरे हैं सितारे, मंजिल है दूर कहीं,
इस अनदेखे सफर में, खुद को हर पल नया पाऊं मैं।
कभी हंसती हैं राहें, कभी रोते हैं आसमां,
इस अनजाने सफर में, हर पल खुद से मिल पाऊं मैं।
©baba electrical wale
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here