#हंसना_अच्छा_लगा
वो जो बैठा था बरसों से गहरी उदासी लिए
मुझ पर ही सही उसका हंसना अच्छा लगा
अच्छा लगा उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा
अच्छा लगा उसका वह पागलपन
लगा अच्छा वह जब हटी मायूसी चेहरे से
छोड़ दिया उसने ये वीराना पन
टूटा हुआ था वह प्यार में
ऐसा था उसका आवारापन
था एक नासूर बना जो घाव
आज कहीं छोड़ दी उसने उसकी तड़पन
अच्छा लगा उसका वह मुस्कुराता हुआ चेहरा
अच्छा लगा उसका वह दीवानापन।
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