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अब इस राह से वो शख्स गुजरता ही नहीं। अब तो राहों से मुझे कोई जुस्तजू ना रही।।
तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं एक ज़रा-सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं ©Z Rahman
Z Rahman
15 Love
White मुफ़लिसी थी और हम थे घर के इकलौते चराग़ वरना ऐसी रौशनी करते के दुनिया देखती ©Z Rahman
9 Love
White हमीं लोगों ने बचा रक्खा है रातों का वजूद शहर वाले तो अंधेरा नहीं होने देते ©Z Rahman
14 Love
White मिल ही जाएगा कभी दिल को यक़ीं रहता है वो इसी शहर की गलियों में कहीं रहता है। इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे और अब कोई कहीं कोई कहीं रहता है। ©Z Rahman
White और अंत में हंस कर विदा कर देते हैं हम उन्हें, जिन्हें पाने के लिए कभी बिलख कर रोए हों हम ©Z Rahman
White चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं , इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं... महफ़िल में मुझे गालियां देकर है बहोत खुश , जिस शख्स पे मैंने बड़े बड़े एहसान किये हैं... ©Z Rahman
13 Love
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