कभी ख़ुशी तो कभी गम लिखने बैठता हूं।
टूट जाती है कलम जब भी तेरा नाम लिखने बैठता हूं ।
वो पल्ल थे बड़े हसीन,जो कभी तेरे साथ थे
अब खुद को ही खुद से अकेला लिऐ बैठता हूं
मैं कोई शायर नहीं हूं ए मेरे दोस्तों।
बस अपने हाल ए दिल को आपके सामने लिए बैठता हूं
chintu singh
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