तुम हो राम प्यारे के,
राम प्यारे तुम्हारे...
तुम हो राम प्यारे के,
राम प्यारे तुम्हारे...
न दुःख राम के हैं, न दुःख हैं तुम्हारे
मैं-तुम और राम एक ही हैं,
और ये दुःख हैं हमारे...
प्रेम राम से है, तो वनवास काटो
शबरी के जैसे रोज़ राह बांटो
खुद राम आएंगे एक-दिन
बिछे नैन फूलों पे चलकर द्वारे...
तुम हो राम प्यारे के,
राम प्यारे तुम्हारे...
✍️ अविनाश सिंह भदौरिया...
©Avinash singh bhadouriya
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here