Kavya Suryavanshi

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#khel #SAD  खेल

बचपन के खिलौने अब मुझे आवाज दे रहे है ,
पूछते हैं कि अब तुम्हें कैसा लगता है ?
जब कोई तुम्हारे साथ खेलता है ।

©Kavya Suryavanshi

#khel

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#कविकिकाविताएं  
कवि की कविताएं


कौन लिखता है बेवजह यूं ही इन कविताओं को

या तो कोई इनमे अपना प्रेम ,
या  कोई इनमे अपने हृदय की पीड़ा का जिक्र करता है ।

©Kavya Suryavanshi

उदासी पुरुष - बोहोत ज्यादा उदास लग रही हो , सब ठीक तो है न? स्त्री - ये जो मेरी आंखों में पानी है , ये तेरे ही लहजे की मेहरबानी है ! ©Kavya

#उदासी #SAD  उदासी 


पुरुष  - बोहोत ज्यादा उदास लग रही हो , 
सब ठीक तो है न? 
स्त्री - ये जो मेरी आंखों में पानी है , 
ये तेरे ही लहजे की मेहरबानी है !

©Kavya

White मुकद्दर पुरुष - अब तुम्हे किसी भी बात का फर्क क्यों नहीं पड़ता ? तुम्हे दर्द तो होता होगा न ! स्त्री - जितने भी खेल होने थे मुकद्दर के हो गए , हम टूटी हुई नाव लेकर समंदर के हो गए ! ©Kavya

#mukaddar #SAD  White 
मुकद्दर 




पुरुष  -  अब तुम्हे किसी भी  बात का फर्क क्यों नहीं पड़ता ?
तुम्हे दर्द तो होता होगा न !

स्त्री  -  जितने भी खेल होने थे मुकद्दर के हो गए ,
हम टूटी हुई नाव लेकर समंदर के हो गए !

©Kavya

#mukaddar

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White शब्द पुरुष - मेरा गुस्सा बोहोत खराब है, मैं डरता हूं कभी तुम पर हाथ ना उठा दूं ! स्त्री - क्या तुम्हारा गुस्सा शिव जी के तांडव से भी ज्यादा है ? पुरुष - नहीं उनके गुस्से के आगे मेरी क्या औकात ! स्त्री - तो क्या तुमने कभी सुना है कि पूरी दुनिया को एक पल मे समाप्त करने की क्षमता रखने वाले शिव ने कभी अपनी अर्धांगिनी पर हाथ उठाया ? शिव जी ने तो अपनी पत्नी के गुस्सा होने पर( प्रचंड रूप) में आने पर उनके कदमों में लेटकर उन्हें शांत किया है, लड़कर नहीं ! अर्थात - स्त्री का सम्मान सदैव सर्वोपरि है ! ©Kavya

#स्त्री  White शब्द 

पुरुष - मेरा गुस्सा बोहोत खराब है, मैं डरता हूं कभी तुम पर हाथ ना उठा दूं !

स्त्री - क्या तुम्हारा गुस्सा शिव जी के तांडव से भी ज्यादा है ?

पुरुष  - नहीं उनके गुस्से के आगे मेरी क्या औकात !

स्त्री - तो क्या  तुमने कभी सुना है कि पूरी दुनिया को एक पल मे समाप्त करने की क्षमता रखने वाले शिव ने कभी अपनी अर्धांगिनी  पर हाथ उठाया ?


 शिव जी ने तो अपनी पत्नी के गुस्सा होने पर( प्रचंड रूप) में आने पर उनके कदमों में लेटकर उन्हें शांत किया है, लड़कर नहीं !

अर्थात -  स्त्री का सम्मान सदैव सर्वोपरि है !

©Kavya

#स्त्री का सम्मान

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