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मंजिल को ढूंढते ढूंढते रास्ते का पता ही ना चला रास्तों पर भटकते भटकते समय का पता ही ना चला पता नहीं कब सूरज की आखरी किरण ढलने को आई और जिंदगी कब खत्म हो गई उस का पता ही ना चला। ©Riddhi Patel
Thoughts of Life
5 Love
इरादे अगर नेक हो तो मंजिल तो तेरे कदमों में है अगर इरादे ही नेक नहीं तो मंजिल कहां सपनों में है जाग जा नेक इरादों के साथ मंजिल तो तेरे आंगन में है। ©Riddhi Patel
मूर्ख इंसान तुझ में नही ताकत उसे इज्जत देने की फिर क्यों अपमान कर अपनी मूर्खता दिखाना चाहता है क्या भूल गया तू उसको जिसने तुझे चलना सिखाया वह भी थी एक नारी ©Riddhi Patel
7 Love
पता नही चला कब अकेला हो गया इंसान दुनिया की भीड़ भाड़ को छोड़ अपने में ही खो गया इंसान शांति तो उसको चाहिए पर लहराते हुए समुंदर को देख बहती हुई हवा को देख क्या उसके जैसी निर्मलता आ शकी तुझ में। ©Riddhi Patel
4 Love
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