Priyanka Mazumdar

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A poet by profession, a critic by nature and a lover by charector. when every thing combined together in my words brings you the flavour of life. follow me on YouTube : www.youtube.com/@frommydiarymazumdar

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#badnam

#badnam

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#गलतकौन  पता कर ये पहले की तेरी कहानी में गलत कौन है, 

आँसू तो अपने हैं, बाद में बहा लेना।

©Priyanka Mazumdar

मैं फिर मिलूँगी तुझे किसी शाम, जुल्फें बिखेरे हुये। ढलते सूरज को निहारती, तेरी राह तकती बादलों के पिछे जैसे छुपा हो कोई राज़, उसे ढूँढते हुये। चाँद कि चाँदनी बढ़ी जा रही, तारों के दीये रौशन हुए। लटों को सुलाझाती हुई, आँचल से उलझे हुए। झुमको को आज रहने दो, चाँदबालीयों पर दिल हारते हुए। श्याह सी काली भौंहो की कमानी और तेज करते हुये। काजल को आँखों में सजाते हुए। और मैं खुद देख कर किस बात पर इतराऊँ, हाँ, होंठो में लाली भरते हुए। गालों को सुर्ख करते हुए। आईने में खुद को निहारते हुए। आज फिर तुझे मेरे लिए वक्त नहीं, मैं आज मुझसे मिलूँगी मेरे लिए। ©Priyanka Mazumdar

#मैंखुदसेमिलूँगी  मैं फिर मिलूँगी तुझे किसी शाम, 
जुल्फें बिखेरे हुये। 
ढलते सूरज को निहारती, तेरी राह तकती 
बादलों के पिछे जैसे छुपा हो कोई राज़, 
उसे ढूँढते हुये। 
चाँद कि चाँदनी बढ़ी जा रही, तारों के दीये रौशन हुए। 
लटों को सुलाझाती हुई, आँचल से उलझे हुए। 
झुमको को आज रहने दो, चाँदबालीयों पर दिल हारते हुए। 
श्याह सी काली भौंहो की कमानी और तेज करते हुये। 
काजल को आँखों में सजाते हुए। 
और मैं खुद देख कर किस बात पर इतराऊँ, 
हाँ, होंठो में लाली भरते हुए। 
गालों को सुर्ख करते हुए। 
आईने में खुद को निहारते हुए। 
आज फिर तुझे मेरे लिए वक्त नहीं, मैं आज मुझसे मिलूँगी मेरे लिए।

©Priyanka Mazumdar
#मनकिव्यस्तता #Quotes  जब आपके पास उदास होने का भी वक्त ना हो, 
तब समझिये कि आप का शरीर ही नहीं, मन भी 
व्यस्तता के चरम पर है।

©Priyanka Mazumdar
#स्त्रीकाश्रृंगार #followmeoninstagram #followmyinsta #please
#अँधकारमेंहैंप्रकाशपिण्ड  प्रकाश के सभी पिण्ड तो स्वयं अँधकार में हैं, 
फिर अँधकार से क्या डरना! 
ये विशाल अँतरिक्ष प्रकाश पिण्डों से भरा, 
और तिमिर से घिरा, 
ये भ्रम कैसा कि हम उजाले में हैं!

©Priyanka Mazumdar
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