Delhi ! bcom! 20yr! poetry and drama! swimming ! chess!
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#समय किसी का बीता कल है , आज मेरा कल किसी और का होगा । कभी अमावस्या की रात सा है कभी सुबह के दिनकर सा होगा। है ये चक्र सा रुकता नहीं है , चलता रहता है ।
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