चाँदनी शर्मा

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वजूद ऐ जिन्दगी तेरे पीछे भागते- भागते अपने वजूद की महक कहीं पीछे छोड़ आई मैं.... © NAVIKA

#वजूद #paper  वजूद

ऐ जिन्दगी तेरे पीछे भागते- भागते 
अपने वजूद की महक कहीं पीछे छोड़ आई मैं....

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सवाल ऐ माँ ,, मुझे अगर अपने गर्भ में ही मार कर चैन दे पाएगीं, अपनों को तो बेशक मुझे दे मार तू ना देख पाऊँ ये दुनिया जहाँ, कोई गम़ नहीं मुझे जिसे उसकी जननी ही बचा ना पाए, वो रिश्तों का कोई और रूप क्यों देखने की करे लालसा मगर माँ,बस एक सवाल का दे दो जवाब मुझे तुम जो माँ आपकी भी देती आपको गर्भ में ही मार क्या मिलता आपको औरत होने का सम्मान क्या देख पातीं आप ये सुन्दर संसार... ?? दो जवाब इस एक सवाल का माँ... © NAVIKA

#WForWriters  सवाल  ऐ माँ ,, मुझे अगर अपने गर्भ में ही मार कर
 चैन दे पाएगीं, अपनों को तो बेशक मुझे दे मार तू 
ना देख पाऊँ ये दुनिया जहाँ, कोई गम़ नहीं मुझे
जिसे उसकी जननी ही बचा ना पाए,
 वो रिश्तों का कोई और रूप क्यों देखने की करे लालसा 
मगर माँ,बस एक सवाल का दे दो जवाब मुझे तुम 
जो माँ आपकी भी देती आपको गर्भ में ही मार 
क्या मिलता आपको औरत होने का सम्मान 
क्या देख पातीं आप ये सुन्दर संसार... ??

दो जवाब इस एक सवाल का माँ...

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#WForWriters

12 Love

मुद्दतों से जिसकी एक झलक को बेताब थे हम किस्मत से जब मुलाक़ात हुई किया सवाल उसने बड़ी बेपरवही से "तुमने मुझे पहचाना..? 💔 © NAVIKA

#WForWriters  मुद्दतों से जिसकी एक झलक को बेताब थे हम 
किस्मत से जब मुलाक़ात हुई 
किया सवाल उसने बड़ी बेपरवही से 
"तुमने मुझे पहचाना..? 💔

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12 Love

पक्षपात ना सूरज करता है पक्षपात! ना किरणें जानती हैं पक्षपात! जीवनदायिनी वायु को देखो, क्या सोच सकता है वो पक्षपात! ये नीला अम्बर, ये नदियाँ ये झरने, निस्वार्थ ये पर्वत ये पंक्षी , नहीं जानते करना पक्षपात! है स्वार्थी और मतलबी यहाँ सिर्फ और सिर्फ इंसान , अपनी कामयाबी की खातिर छोड़ देता है अपनों का साथ! भूला देता है प्रेम और समर्पण, अपनी सुख सुविधाओं के लिए प्रकृति का भी किया है दोहन वादे करके बड़े पक्षपात करता है यहाँ इंसान! © NAVIKA

#WForWriters  पक्षपात  ना सूरज करता है पक्षपात! 
ना किरणें जानती हैं पक्षपात! 
जीवनदायिनी वायु को देखो, 
 क्या सोच सकता है वो पक्षपात! 
ये नीला अम्बर, ये नदियाँ ये झरने, 
निस्वार्थ ये पर्वत ये पंक्षी , 
नहीं जानते करना पक्षपात! 

है स्वार्थी और मतलबी यहाँ
सिर्फ और सिर्फ इंसान , 
अपनी कामयाबी की खातिर
छोड़ देता है अपनों का साथ! 
भूला देता है प्रेम और समर्पण, 
अपनी सुख सुविधाओं के लिए
प्रकृति का भी किया है दोहन 
वादे करके बड़े पक्षपात करता है
यहाँ इंसान!

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11 Love

जादू 💖💖💖💖💖💖 आओ इस जादूई मोहब्बत में इस कदर खो जाएं खुदसे बिछड़ कर एक-दूसरे के हो जाएं 💗💗💗💗💗💗 © NAVIKA

#WForWriters  जादू  💖💖💖💖💖💖
आओ इस जादूई मोहब्बत में 
इस कदर खो जाएं 
खुदसे बिछड़ कर 
एक-दूसरे के हो जाएं 
💗💗💗💗💗💗

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12 Love

निगाहें निगाहों में बसाकर तुम्हारा यूँ नज़र फेर लेना याद रखेंगे हमेशा हम ये फ़रेबी निगाहें क़रम © NAVIKA

#WForWriters  निगाहें  




निगाहों में बसाकर
तुम्हारा यूँ नज़र फेर लेना
याद रखेंगे हमेशा हम
ये फ़रेबी निगाहें क़रम

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