रास्ता दिखाया मत करो,
जब साथ चलना ही नही आता,
दिल दुखाया मत करो,
जब दिल जोड़ना ही नही आता,
झूठी हमदर्दी तो हर कोई दिखाता है..
प्यार जताया ही मत करो,
जब प्यार करना नही आता...
- Dhammanand sirsat
माँ...
"माँ"
एक ऐसा लफ्ज, जो सुनकर सुकून मिले।
"माँ"
एक ऐसा शख्स, जिसके पैरो में जन्नत मिले।
"माँ"
एक ऐसा प्यार, जो बिन मांगे मिले।
"माँ"
एक ऐसा तीर्थ, जहाँ हर गुणाह हो माफ।
"माँ"
एक ऐसा मंदिर, जहा हर दुआँ हो कुबुल।
और "माँ"
एक ऐसा देश, जहा हर बच्चा हो समान।
- धम्मानंद सिरसाट
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