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Juhikumari
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अब ना इन फरेबी निगाहों से निगाहें मिलाएंगे अब ना उसे पाने के लिए कुछ भी कर जाएंगे अब ना इन आखो से आसू बहाएंगे अब ना बिना बात के मिलने को जाएंगे अब ना रहो मे उनकी यादों को बुलाएँगे खुद की देवांगी पर हसी आएगी पर उनकी बात पर कभी ना मुस्कराएंगे ©Juhikumari
13 Love
जो सुने तु तो केह दु की मेरी किस मे रज़ा है जो समझे तु तो है केह दु की तेरी बातो से दिल कितना दुखा है अब खुद की नज़र को क्या सज़ा दु की इस नज़र ने उस नज़र मे खुदा देखा था कोई समझा दे मुझे की इस नज़र ने उस नज़र मे सब कुछ गलत देखा था और तु समझा दे मालिक मुझे की दिल को कैसे समझा दु ये अब नहीं सुनता है मुझे जब से इसने धरती पर दुखा देखा है ©Juhikumari
10 Love
अब क्या लिखु की क्या हैं दोस्ती क्या सिर्फ मज़ा हैं ना हैं कोई अगर तो सजा है अगर मिल जाए गलत तो सिर्फ दगा है अगर मिल जाए सच्चे तो उन्हीं मे खुदा हैं ©Juhikumari
14 Love
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