Radio jockey and Aspiring poet!
बागबान-ए-दिल के पौधे पे क्यों एक भी फूल नहीं खिलता? उसे मुझ जैसा मिल जाता है..मुझे उस जैसा नहीं मिलता!
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विलास में अहदे यार के मुख़ातिबि के ख्वाब मत बुनना महफ़िल में तो सब दिलफेंक है! मेरे सिवा किसी और मत को सुनना
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