कुछ समय बीत चुका है
अब लोगों के मतलब ,मतलबी लोगों का अनुभव भी हो गया है।
ज़िन्दगी की सफर जिम्मेवारियों तक पहुंच गईं है।
समय के साथ बदलाव भी देख रहा हूं और जरूरत भी जहां मेरी सहयोग की आवश्यकता है पर असमर्थ और मजबूत हूं। कुछ अपने हैं मेरे जो पूर्ण सहयोग दे रहे हैं, पर कुछ अपने पराया बनने के सफर पर भी हैं।
बस कुछ समय और क्योंकि आने वाला समय बेहतर होने वाला है यही कामना और विश्वास है।
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