चलो आज एक किस्सा तुम्हें सुनाता हूं।
मोहब्बत के बाजार में कैसे बीके हम तुम्हे बताता हूं।
मोहब्बत का नाम लेके दिल से लगाया था ,
और फिर उसी बाजार में मेरा सौदा कर सूली पे चढ़ाया था
भरे बाजार में कत्ल होते देख रही थी दुनियां सारी,
ताली बजा बजा कर बोल रहे थे
इस मोहब्बत के बाजार में एक और आशिक ने बाजी हारी,
इस तरह कत्ल हुआ मेरे मोहब्बत का की दिखने वाली की रूह सी कप गई थी,
पर उसे कहा फर्क पढ़ रहा था दोस्तो ,
वो तो चैन से अपनी महबूब के बाहों में सो रही थी।
©Chauhan__g
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