मिलाकर नज़रें दूर गए हो जब से,
मेरा दिल बेचैन कर गए हो तब से
- Kuldeep Prajapati
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जब कभी हुए नुकसान भरने की बात अाई
हम हुए कहां बरबाद जो ये सबालात आई
तसुब्बुर में तो जाने कितनी बार रोया मै
आंसुओ से तब रोया जब तेरी याद आई
कहां गए वो लोग जो साथ हंसते रोते थे
याद उनकी कलेजा फिर से काट लाई
कहर ढाता भी है कहां हैसियत में छोटों पर
कच्चे घरों पर देखो फिर लौट के बरसात अाई
बाटी थीं मैंने खुशियां सबको बारी बारी से
फिर मेरे ही हिस्से क्यों ये तन्हा रात अाई
- Kuldeep prajapati ✍️
जब कभी हुए नुकसान भरने की बात अाई
हम हुए कहां बरबाद जो ये सबालात आई
तसुब्बुर में तो जाने कितनी बार रोया मै
आंसुओ से तब रोया जब तेरी याद आई
कहां गए वो लोग जो साथ हंसते रोते थे
याद उनकी कलेजा फिर से काट लाई
कहर ढाता भी है कहां हैसियत में छोटों पर
कच्चे घरों पर देखो फिर लौट के बरसात अाई
बाटी थीं मैंने खुशियां सबको बारी बारी से
फिर मेरे ही हिस्से क्यों ये तन्हा रात अाई
- Kuldeep prajapati ✍️
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