White एक वृद्ध पुरुष को धर्मपत्नी के देहांत पर बालक की भाँति रोदन करते देखा है मैंने!
वह वृद्ध पुरुष जो पूरी उम्र ठठाकर हँसा,उसे
अपनी खाट के सामने पड़ी खाली खटिया को निरीह मन से ताकते देखा है मैंने!
वह वृद्ध पुरुष जिसने बड़े से बड़े दुःखों में लोगों को ढाँढस बंधाया आज उसकी आँखों के नीचे पड़े काले गहरे घेरे,और गालों पर लावे की भाँति दहकते लाल धब्बों को बड़े गौर से देखा है मैंने!
©शिवानी त्रिपाठी
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