ये बूथ मजबूत करने वाले राजनीतिक पार्टियां कभी यूथ मजबूत करने की बात क्यों नही करती ?
ताकि इन्हें दूसरे प्रदेश जाकर मजदूरी न करना पड़े,.. और इस यूथ को भी सोचना चाहिए कि जो हमेशा दूसरे का बूथ मजबूत करने में लगे रहते है, विपदा के समय वही पार्टी वाले इनके साथ सौतेला व्यवहार करने लगते है ।
वक़्त बदलते है, हालात बदलते है..
आबो हवा में घुल चुकी खुशबू के साज बदलते है..
पत्थरो को चीरकर बहता हुआ पानी, सीना ताने खड़े पर्वतों के राज बदलते है...
यू गुरुर न कर इंसान खुद के शहंशाह होने पर...
यहाँ लोग तो लोग, सरताजो के भी तख्तों ताज बदलते है ।।
-सन्तोष सत्यार्थी
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