Amit Shukla

Amit Shukla Lives in Lakhimpur, Uttar Pradesh, India

लेखक,कवी,विचारक, film writer,song writer

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प्यार का इज़हार करना है तुम्हे । पहले इनकार सीख लो साहिब । मुझे नही तो किसी और को मिलो। ये तो इस बार सीख लो साहिब । @अमित शुक्ला

#शायरी #amit_shukla #Poet  प्यार का इज़हार करना है तुम्हे ।
पहले इनकार सीख लो साहिब  ।

मुझे नही तो किसी और को मिलो।
ये तो इस बार सीख लो साहिब ।

@अमित शुक्ला

. गीत - संकेत एक एक संकेत तुम्हारा ज्यों का त्यों स्वीकार किया । तुमने बस खिलवाड़ किया था हमने सच्चा प्यार किया । अब तक जिया तुम्हारी खातिर जो संबंध अनोखा था । पर अब मुझको लगता है वह केवल कोरा धोखा था । माना मैं बेगाना हूं तुम पर है कुछ अधिकार नहीं ।। पर तुम मुझसे दूर रहो यह भी मुझ को स्वीकार नहीं ।। बस केवल चाहा है तुमको और कोई अपराध नहीं । तुमसे पहले नहीं रहा कुछ होगा तुमसे बाद नहीं । तुम सुरभित हो कली धरा की अम्बर की सुकुमारी हो । तुम मलिका मेरे दिल की हो तुम केवल जान हमारी हो । मेरे पास तुम्हें आने दे कैसा यह संसार नहीं ।। पर तुम मुझसे दूर रहो यह भी मुझ को स्वीकार नहीं ।। एक समर्पण बस काफी है अब जीने की चाह नहीं । तुमसे दूर चला जाऊंगा और शेष यदि राह नहीं । कीर्ति मान-सम्मान तुम्हारा मेरी लक्ष्मण रेखा है । तुमको हर पल जीता हूं तुमको ही हर पल देखा है । तुम्हें नहीं मैं कैसे कह दूं मुझको तुमसे प्यार नहीं ।। पर तुम मुझसे दूर रहो यह भी मुझ को स्वीकार नहीं ।। अमित शुक्ल चमेली

#कविता #amit_shukla #Poet  .        गीत - संकेत
एक एक संकेत तुम्हारा ज्यों का त्यों स्वीकार किया ।
तुमने बस खिलवाड़ किया था हमने सच्चा प्यार किया ।
अब तक जिया तुम्हारी खातिर जो संबंध अनोखा था ।
पर अब मुझको लगता है वह केवल कोरा धोखा था ।
माना मैं बेगाना हूं तुम पर है कुछ अधिकार नहीं ।।
पर तुम मुझसे दूर रहो यह भी मुझ को स्वीकार नहीं ।।

बस केवल चाहा है तुमको और कोई अपराध नहीं ।
तुमसे पहले नहीं रहा कुछ होगा तुमसे बाद नहीं ।
तुम सुरभित हो कली धरा की अम्बर की सुकुमारी हो ।
तुम मलिका मेरे दिल की हो तुम केवल जान हमारी हो ।
मेरे पास तुम्हें आने दे कैसा यह संसार नहीं ।।
पर तुम मुझसे दूर रहो यह भी मुझ को स्वीकार नहीं ।।

एक समर्पण बस काफी है अब जीने की चाह नहीं ।
तुमसे दूर चला जाऊंगा और शेष यदि राह नहीं ।
कीर्ति मान-सम्मान तुम्हारा मेरी लक्ष्मण रेखा है ।
तुमको हर पल जीता हूं तुमको ही हर पल देखा है ।
तुम्हें नहीं मैं कैसे कह दूं मुझको तुमसे प्यार नहीं ।।
पर तुम मुझसे दूर रहो यह भी मुझ को स्वीकार नहीं ।।
     अमित शुक्ल चमेली

कही तुम मिल गए तो क्या करूँगा । कभी सोचा नही वैसा करूँगा ।। कहोगी चले जाओ यहाँ से । मैं फिर बाद में सोचा करूँगा ।। क्या तुमने सच में जाने को कहा था । तुम जैसा कहोगी वैसा करूँगा ।। अगर ये झूठ है मेरी जान तो फिर मैं रुक जाया करूँगा ।। अमित शुक्ला

#कवी_अमित_शुक्ला #शायरी  कही तुम मिल गए तो क्या करूँगा ।
कभी सोचा नही वैसा करूँगा ।।

कहोगी चले जाओ यहाँ से ।
मैं फिर बाद में सोचा करूँगा ।।

क्या तुमने सच में जाने को कहा था ।
तुम जैसा कहोगी वैसा करूँगा ।।

अगर ये झूठ है मेरी जान तो 
फिर मैं रुक जाया करूँगा ।।

अमित शुक्ला

लम्हे कैद करने थे कैमरे में । सो तस्वीरें खींचते रहे हम। हालात से तंग आकर खुदखुशी कर ली । फिर रोज मौत से झूझते रहे हम ।

#शायरी #amit_shukla #Poet  लम्हे कैद करने थे 
कैमरे में ।
सो तस्वीरें खींचते रहे हम।
हालात से तंग आकर 
खुदखुशी कर ली ।
फिर रोज मौत से झूझते रहे हम ।
#कविता #amit_shukla #Poet

अच्छा होते होते वो एकदम से बुरा हो जाता है । कभी कभी वो मेरी आँखों के लिये खुदा हो जाता है ।

#कवी_अमित_शुक्ला #शायरी  अच्छा होते होते वो एकदम से बुरा हो जाता है ।
कभी कभी वो मेरी आँखों के लिये खुदा हो जाता है ।
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