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इतनी सी है औकात मेरी, कलम और दवात मेरी।
Sumit Kamboj
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सब्र कुछ इस कदर कर रहे हैं, टूटे मटके में पानी भर रहे हैं। ©Sumit Kamboj
8 Love
नाकुबूल चीजों को कुबूल करना, इसे इश्क कहते हैं या भूल करना। ©Sumit Kamboj
12 Love
मैं लिखना नही चाहता कोई लिखवा रहा है कलम मे बैठा है इक शक्स कर शिकवा रहा है निभाया प्यार भी मैने बड़ी शिदत से सौदागर तू सौदा प्यार का करके इश्क़ बिकवा रहा है ©Sumit Kamboj
10 Love
#MessageOfTheDay जब चारों ओर निंदा हो, तो समझो आप ज़िंदा हो। ©Sumit Kamboj
16 Love
वो मुझसे खफा है खैर छोड़ो कौन-सा पहली दफ़ा है। ©Sumit Kamboj
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