*लड़के भी रोते हैं*
उनके पास भी दिल होता,
उनके भी जज्बात होते,
सपने उनके भी टूटते,
मजबूर वो भी होते हैं,
जब दर्द का सैलाब उमड़ता है
तब लड़के भी रोते हैं।
कुछ ख्वाब अधूरे रह जाये,
माता पिता से दूर जो हो जाये,
जब दूर किसी शहर में
घर की याद आ जाये,
तब अश्क अपने छुपा के सबसे लड़के भी रोते हैं।
जब दोस्त रूठ जाते हैं,
कुछ साथ छूट जाते हैं,
इस दुनियां की भीड़ में
तन्हा वो रह जाते हैं,
तब तन्हाई के साय में
लड़के भी रोते हैं।
अपने जज्बातों को सबसे छुपाते हैं,
दिल में न जाने कितना दर्द छुपाते हैं,
मुख पर सजा के मुस्कुराहट सदा,
परिवार के लिए खुशियां कुर्बान ये करते हैं,
पर रात अंधेरी जब आती है
तब लड़के भी रोते हैं।
यारो पर ये जान लुटाते ,
प्यार का रिश्ता शिद्दत से निभाते,
जो दिल कभी टूट जाये,
ये नम आँखें छुपा अपने केश सवारते,
भीगी सी इन आँखों से
लड़के भी रोते हैं।
कहते फिरते हैं सब कि
"मर्द को दर्द नहीं होता"
अरे भाई! वो भी इंसान हैं
क्या उनके पास दिल नहीं होता?
यह गलत हैं बात सदियों की
कि एक लड़का कभी नहीं रोता।
©शताक्षी
@escriptor_trodde
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