मेरा नाम सिद्धार्थ जैन हैं पर अपने बारे में बस इतना कहना चाहूंगा कला के हर रूप को प्रणाम करता हूं उसका सम्मान करता हूं और सीखना चाहता हूं पूरी जिंदगी शिष्य बनकर सीखने की चाहत है और सीखते सीखते ही जिंदगी का अंतिम मुकाम आ जाए ऐसी उस परमात्मा से गुजारिश है
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