_बेटियां_
बिल यकी होती है रहमत बेटियां
है खुदा की आला नेअमत बेटियां
जाने मादर की है राहत बेटियां
बाप के चेहरे की निकहत बेटियां
घर को बा रौनक बनाने के लिए
रोज ओ शब करती है मेहनत बेटियां
रहमत ए आलम ने जब कह दिया
क्यू न हो कंजे किस्मत बेटियां
घर को पाकीज़ा बनाकर रखती है ये
पाक जीनत पाक नियत बेटियां
बाप बनकर बेटी का खुश है "अख्तर"
लेके जाएगी बाप को जन्नत बेटियां
poet_Sufi akhtar( baghelkhand)
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